कारगिल विजय दिवसः देश के वीर सपूतों के सर्वोच्च बलिदान और बहादुरी को सलाम, सभी ने कहा- जय हिंद
By भाषा | Published: July 26, 2019 07:49 PM2019-07-26T19:49:04+5:302019-07-26T19:49:04+5:30
पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ कर कश्मीर में कई पर्वत चोटियों पर फिर से अपना नियंत्रण स्थापित किया था। यह 26 जुलाई का ही दिन था, जब भारतीय थल सेना ने कारगिल की बर्फीली पर्वत चोटियों पर करीब साढ़े तीन महीने तक चली लड़ाई के बाद ‘‘ऑपरेशन विजय’’ के सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा की थी।
कारगिल युद्ध में भारत को अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर मिली जीत के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कृतज्ञ राष्ट्र ने देश के वीर सपूतों के सर्वोच्च बलिदान और बहादुरी को सलाम किया।
उन्होंने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ कर कश्मीर में कई पर्वत चोटियों पर फिर से अपना नियंत्रण स्थापित किया था। यह 26 जुलाई का ही दिन था, जब भारतीय थल सेना ने कारगिल की बर्फीली पर्वत चोटियों पर करीब साढ़े तीन महीने तक चली लड़ाई के बाद ‘‘ऑपरेशन विजय’’ के सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा की थी।
इस सीमित युद्ध में भारत ने अपने लगभग 500 सैनिक गंवाये थे। ‘कारगिल विजय दिवस’ पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी व विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी इस युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साहस, बहादुरी और समर्पण की सराहना की।
साथ ही, थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख बीएस धनोवा और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने जम्मू कश्मीर के द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पर इस युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति कोविंद को आज सुबह द्रास युद्ध स्मारक पर एक समारोह में भाग लेना था लेकिन खराब मौसम के कारण वह वहां नहीं जा सके।
उन्होंने कश्मीर के बदामी बाग छावनी में थल सेना के 15वें कोर मुख्यालय में स्थित युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किये। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘कारगिल विजय दिवस पर, श्रीनगर के चिनार कोर (15 कोर) युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत अपने सशस्त्र बलों के उन योद्धाओं का कृतज्ञ रहेगा, जिन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया और अदम्य वीरता का परिचय देते हुए हमारी संप्रभुता की रक्षा की। जय हिंद।’’
#KargilVijayDiwas : File pics of Border Security Force (BSF) artillery unit personnel who were deployed on three locations and had effectively targeted enemy positions during the Kargil War. pic.twitter.com/Gjqhbw3LGq
— ANI (@ANI) July 26, 2019
मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं
प्रधानमंत्री मोदी ने कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, ‘‘कारगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं। यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है।
इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। जय हिंद!’’ संसद ने भी कारगिल के नायकों को श्रद्धांजलि दी। रक्षा मंत्री सिंह ने लोकसभा में कहा कि ‘हमारे जवानों के शौर्य, पराक्रम और शहादत को यह देश कभी भूल नहीं सकता।’
उन्होंने यह भी कहा कि 1965, 1971 और 1999 में हारने के बाद पाकिस्तान को समझ में आ गया कि वह भारत के साथ पूर्ण और सीमित युद्ध नहीं लड़ सकता, इसलिए वह अब छद्म युद्ध लड़ता है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में कहा कि करगिल विजय दिवस के मौके पर यह सदन देश को बधाई देता है और अपने जवानों के शौर्य और पराक्रम को याद करता है।
देश इन जवानों का सर्वोच्च बलिदान कभी भुला नहीं सकेगा
उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने उच्च सदन में कहा कि देश इन जवानों का सर्वोच्च बलिदान कभी भुला नहीं सकेगा। थल सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘...भारतीय थल सेना के सैनिकों ने द्रास, काकसर, बटालिक और तुतरोक सेक्टरों में ऐतिहासिक लड़ाइयां लड़ी।
हम हमारे शहीदों एवं नायकों के साहस, वीरता एवं बलिदान को सलाम करते हैं।’’ भारतीय थल सेना ने कारगिल की दुर्गम पर्वत चोटियों पर ‘‘ऑपरेशन विजय’’ चलाया था। वहीं, भारतीय वायुसेना इस सीमित युद्ध में अपने ‘‘ऑपरेशन सफेद सागर’’ के साथ शामिल हुई थी और उसने दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए पहली बार विशेष लक्षित बमों को इस्तेमाल किया था।
कारगिल युद्ध के समय 17 वीं स्कैवड्रन के कमान अधिकारी रहे एयर मार्शल बीएस धनोवा ने कहा कि मिराज- 2000 विमानों को तैनात करना और जमीनी सैनिकों को हवाई मदद देने से इस युद्ध का रुख भारत के पक्ष में बदल गया।
धनोवा ने कहा, ‘‘टाइगर हिल इस बात का भी संदेश देता है कि किसी भी समय...हम आपको ढूंढने में और निशाना बनाने में सफल रहेंगे।’’ इस युद्ध के दौरान कई उड़ान भरने वाले वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने कहा, ‘‘ मिराज-2000 विमान ने कारगिल युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाई।’’
कारगिल में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी राष्ट्र की सुरक्षा करने के दौरान कारगिल में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘कारगिल विजय दिवस पर मैं हमारे उन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने 20 साल पहले कारगिल में हमारे राष्ट्र की सुरक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये।
मैं सेना के उन बहादुर पुरुषों एवं महिलाओं को भी सलाम करता हूं, जिनके अनगिनत बलिदान, समर्पण और वीरता ने हमारे देश को सुरक्षित रखा हुआ है। जय हिंद। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सैनिकों के शौर्य एवं बलिदान को याद करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘‘जो अपने बलिदान से हमारा ध्वज बुलंद बनाए रखते हैं, जो आजादी के लिए लड़ते हैं, जो हमारी संप्रभुता के लिए लड़ते हैं और इन सबसे आगे वे भारत के लिए खड़े रहते हैं उनको कभी नहीं भूला जा सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो कारगिल में लड़े और हमारे लिए अपने प्राण न्यौछावर किए उनको नमन। ’’ पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एम एम नरावने ने कहा कि करगिल में पड़ोसी देश को मिली ‘‘जबरदस्त हार’’ के बावजूद भी ऐसा नहीं लगता है कि पाकिस्तान ने इससे कोई सबक सीखा है क्योंकि वह लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट कर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सशस्त्र बलों को सलाम। देश के लिए जीवन का बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि। भारतीय सशस्त्र बल और मजबूत होते रहें। जय हिंद।’’
पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों क्रमश: अमरिंदर सिंह एवं मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने के अवसर पर युद्ध के नायकों के बलिदान और पराक्रम की प्रशंसा की। कारगिल विजय दिवस मनाने के लिए देश भर में विभिन्न शहरों में कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं।