सिब्बल का पीएम मोदी पर हमला, कहा- जब प्रधानमंत्री मणिपुर पर बयान नहीं देते तो लोकतंत्र के मंदिर 'अशांत और बाधित' होता है
By मनाली रस्तोगी | Published: July 24, 2023 01:08 PM2023-07-24T13:08:36+5:302023-07-24T13:10:21+5:30
राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मणिपुर के विषय पर बयान देने या सवालों का जवाब देने से इनकार करते हैं, तो लोकतंत्र का मंदिर 'अशांत और बाधित' होता है।
नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को कहा कि जब प्रधानमंत्री मणिपुर पर कोई बयान देने या सवालों का जवाब देने से इनकार करते हैं, तो लोकतंत्र के मंदिर में ‘‘व्यवधान एवं हंगामा’’ पैदा होता है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा था कि लोकतंत्र के मंदिरों की छवि धूमिल करने के लिए व्यवधान और हंगामे को रणनीतिक साधन रूपी हथियार बनाया जा चुका है। इसी के मद्देनजर सिब्बल ने यह बयान दिया।
सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘उपराष्ट्रपति: ‘लोकतंत्र के मंदिरों की छवि धूमिल करने के लिए हंगामे और व्यवधान को हथियार बनाया जा रहा है...।’ ऐसा मंदिर, जहां प्रधानमंत्री मणिपुर पर बयान देने से इनकार कर देते हैं, सवालों का जवाब देने से मना कर देते हैं? तभी लोकतंत्र के मंदिर में ‘‘हंगामा और व्यवधान’’ होता है।’’
Vice President :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) July 24, 2023
“..disturbance and disruption are being weaponised…to taint temples of democracy..”
A temple where the Prime Minister refuses to make a statement on Manipur ; refuses to answer questions ?
That is when the temple of democracy is “disturbed and disrupted” !
सरकार मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के लिए सहमत हो गई है। इस दौरान गृह मंत्री जवाब देंगे, लेकिन विपक्ष पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस मामले पर बयान दिए जाने की मांग पर अड़ा हुआ है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने रविवार को यहां जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि समाज के विकास के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है।
उन्होंने युवाओं से खुद को सशक्त बनाने की अपील की। धनखड़ ने कहा था, ‘‘जनता की भलाई के लिए संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श और बहस लोकतंत्र है। व्यवधान और हंगामा निश्चित रूप से लोकतंत्र नहीं हो सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आपको यह बताते हुए दुख और पीड़ा हो रही है कि लोकतंत्र के मंदिरों की छवि धूमिल करने के लिए व्यवधान और हंगामे को रणनीतिक साधन रूपी हथियार बनाया जा चुका है।’’
मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध के कारण लोकसभा और राज्यसभा में मानसून सत्र के दौरान कोई भी कामकाज नहीं हो पाया है।
(भाषा इनपुट के साथ)