दिल्ली: बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने मानहानि केस में सत्येंद्र जैन से मांगी माफी, केस बंद, जानिए क्या था पूरा मामला
By भाषा | Published: October 30, 2020 08:46 AM2020-10-30T08:46:47+5:302020-10-30T08:46:47+5:30
कपिल मिश्रा के दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से माफी मांगने के बाद मानहानि का वो केस बंद हो गया है जिसे 2017 में दायर किया गया था। कपिल मिश्रा ने जैन पर अरविंद केजरीवाल को दो करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया था।
दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के बिना शर्त आप नेता एवं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से माफी मांगने के बाद उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला बंद कर दिया। जैन ने 2017 में मिश्रा के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था। मिश्रा ने उनके और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
मिश्रा के अतिरिक्त मुख्य मेटोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा के समक्ष बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार होने पर बुधवार को मामला बंद कर दिया गया।
अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी (मिश्रा) ने कहा कि वह अदालत में बिना शर्त माफी मांगने के लिए बयान देने को तैयार हैं। शिकायतकर्ता (जैन) ने भी कहा कि अगर वह (मिश्रा) अदालत के समक्ष बयान देते हैं, तो वह शिकायत वापस ले लेंगे।’’
कपिल मिश्रा ने दो करोड़ रुपये रिश्वत की कही थी बात
मिश्रा और जैन के बयान दर्ज करने के बाद अदालत ने मानहानि के मामले का निस्तारण कर दिया। मिश्रा ने 2017 में संवाददाता सम्मेलन में जैन पर अरविंद केजरीवाल को दो करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया था।
मिश्रा ने यह भी दावा किया था कि जैन ने ‘‘केजरीवाल के एक रिश्तेदार का 50 करोड़ रुपये का जमीन का सौदा भी तय कराया।’’ मिश्रा ने सोशल मीडिया पर यह भी कहा था कि जैन कुछ दिनों में जेल में होंगे। मानहानि के मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम दो साल कैद की सजा का प्रावधान है।
वहीं, सत्येन्द्र जैन ने कहा कि कपिल मिश्रा का बिना शर्त उनसे माफी मांगना साबित करता है कि मिश्रा ने उन पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए थे, उनका कोई आधार नहीं था और उन्हें राजनीतिक मकसद से लगाया गया था।
जैन ने कहा कि मिश्रा के आरोपों से उनका बहुत नुकसान हुआ। जैन ने कहा, 'उन्होंने माफीनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि जो आरोप उन्होंने लगाए, वे राजनीति से प्रेरित और गलत थे। उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी है और दोबारा ऐसा न करने का आश्वासन दिया है। बिना शर्त माफी मांगे जाने से यह सच्चाई उजागर हो गई है कि मिश्रा के आरोपों का कोई आधार नहीं था और उन्होंने राजनीतिक मकसद से ऐसा किया।'