कन्नड़ राज्योत्सव 2018: संस्कृत के बाद देश की तीसरी सबसे पुरानी भाषा, जानें कन्नड़ भाषा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

By मेघना वर्मा | Published: October 30, 2018 09:40 AM2018-10-30T09:40:14+5:302018-10-30T09:40:14+5:30

कन्नड़ राज्योत्सव के दिन पूरे राज्य में अवकाश घोषित होता है। इसी दिन राज्य सरकार की ओर से भी कई रंगा-रंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है।

Kannada Rajyotsava 2018: Karnataka Formation Day facts, history of Kannada language | कन्नड़ राज्योत्सव 2018: संस्कृत के बाद देश की तीसरी सबसे पुरानी भाषा, जानें कन्नड़ भाषा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

कन्नड़ राज्योत्सव 2018: संस्कृत के बाद देश की तीसरी सबसे पुरानी भाषा, जानें कन्नड़ भाषा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

भारत देश विविध संस्कृतियों का मिलन है। उत्तर में जहां पंजाबी और हिन्दी बोलने वाले तो वहीं दक्षिण में कन्नड़ और तमिल भाषी लोगों का निवास होता है। भाषा और साहित्य में भी देश का हर राज्य एक-दूसरे से अलग है मगर फिर भी पूरे देश में देशभक्ति की समाानता है। देश में सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि राजकीय त्योहार को भी बड़े धूम से मनाया जाता है। इन्हीं उत्सवों में से एक है कन्नड़ राज्योत्सव। 

देश के दक्षिणी हिस्से के कर्नाटक राज में होने वाला कन्नड़ राज्योत्सव भी ऐसा ही एक पर्व है। हर साल 1 नवंबर को कर्नाटक राज्य में कन्नड़ राज्योत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को कर्नाटक का फाउंडेशन डे या स्थापना दिवस भी कहते हैं। 1956 से ही यह त्योहार पूरे राज्य में काफी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। 

दक्षिण भारत की सभी क्षेत्रिय भाषाओं का कन्नड़ भाषा में हुआ था संगम

1 नवंबर 1956 में ही साउथ इंडिया की सारी क्षेत्रिय भाषा कर्नाटक के कन्नड़ भाषा में मिल गई थी। जिससे कर्नाटक को एक अलग पहचान मिली थी इसलिए भी इस दिन को कन्नड़ राज्योत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को राजकीय अवकाश घोषित किया जाता है और पूरे शहर में अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। सिर्फ राज्य ही नहीं बल्कि देश और दुनिया में रहने वाले सभी कन्नड़ भाषी लोग इस पर्व को मनाते हैं। 

राज्य सरकार करती है लोगों का सम्मान

कन्नड़ राज्योत्सव के दिन पूरे राज्य में अवकाश घोषित होता है। इसी दिन राज्य सरकार की ओर से भी कई रंगा-रंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है। इन कार्यक्रमों में सरकार अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहे लोगों को सम्मानित करती है। इन लोगों को राज्योत्सव अवॉर्ड से नवाजा जाता है। इसी दिन राज्य का आधिकारिक झंड़ा भी फहराया जाता है। 

कन्नड़ भाषा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

* कन्नड़ भाषा, देश की दूसरी सबसे पुरानी लिखित भाषा है।
* कन्नड़ भाषा देश की तीसरी सबसे पुरानी बोली जाने वाली भाषा है जबकि पहले और दूसरे स्थान पर संस्कृत और तमिल भाषा हैं। 
* कन्नड़ भाषा को दो हजार साल पुरानी भाषा कहा जाता है। 
* कन्नड़ भाषा को 7 बार ज्ञानपीठ अवॉर्ड से नवाजा गया है जबकि हिंदी को 6 बार, तेलगु को 2 बार और तमिल को 3 बार यह अवॉर्ड मिल चुका है।  

इन मैसेज से दें अपने परिवार वालों को बधाई

आज के समय में हर उत्सव को परिवार के साथ मना पाना, ऑफिस और काम करने वालों के लिए सम्भव नहीं हो पाता। ऐसे में आप इन व्हॉट्सएप मैसेज से अपने परिवार वालों को कन्नड़ राज्योत्सव की बधाई दे सकते हैं। 

शब्दों पर विश्वास रखिए 
आत्मा पर गर्व, 
साथ मिलकर मनाइए 
कन्नड़ राज्योत्सव 2018

शहद की तरह मीठी और पुरानी है अपनी कन्नड़ भाषा,
गर्व से कहो हम कन्नड़ है। 
कन्नड़ महोत्सव की शुभकामनाएं

सुपरस्टार रजनीकांत और दीपिका पादुकोण ने कन्नड़ फिल्म से ही अपने करियर की शुरूआत की थी। आपको बता दें कर्नाटर को पहले मैसूर नाम से जाना जाता था। मगर 1973 में इसका नाम बदलकर कर्नाटक कर दिया गया। कर्नाटक की आधिकारिक भाषा तो कन्नड़ ही है मगर इसके अलावा इस राज्य में तुलु, कोंकानी, हाव्याका आदि भाषाएं भी बोली जाती हैं।  

Web Title: Kannada Rajyotsava 2018: Karnataka Formation Day facts, history of Kannada language

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