स्वतंत्रता सेनानी और भाजपा नेता अय्यप्पन पिल्लई का 107 वर्ष की आयु में निधन, ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में सक्रिय भूमिका निभाई थी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 5, 2022 01:36 PM2022-01-05T13:36:37+5:302022-01-05T13:37:32+5:30
K Ayyappan Pillai Died: अय्यप्पन पिल्लई का जन्म 1914 में शहर में आर्यसला के पास मुंडानाडु में हुआ था। उनके पिता सरकारी सेवा में थे और डिप्टी पेशकर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
तिरुवनंतपुरमः स्वतंत्रता सेनानी, जाने माने वकील और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता के अय्यप्पन पिल्लई का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण यहां निधन हो गया। वह 107 वर्ष के थे। पिल्लई के पारिवारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि वह आयुजनित बीमारियों के कारण पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे और उनका यहां एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था।
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र की एक प्रमुख हस्ती रहे पिल्लई सभी राजनीतिक दलों के लिए सम्मानित व्यक्ति थे और वह देश के बार एसोसिएशन के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक थे। पिल्लई तिरुवनंतपुरम निगम के पहले पार्षदों में से एक थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रशंसक पिल्लई ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में सक्रिय भूमिका निभाई थी। महात्मा गांधी की सलाह पर ही पिल्लई ने छोटी उम्र में ही त्रावणकोर की तत्कालीन रियासत में सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में कदम रखा।
Kerala: Freedom fighter and BJP leader K Ayyappan Pillai passes away at the age of 107
— ANI (@ANI) January 5, 2022
He was undergoing treatment for age related ailments at a hospital in Thiruvananthapuram pic.twitter.com/dKOQgQ4ghd
वह त्रावणकोर राज्य कांग्रेस के समर्थक थे। उन्हें कांग्रेस के नेताओं ने कई मौकों पर शाही प्रशासन के सामने लोगों की शिकायतों को रखने की जिम्मेदारी सौंपी थी। पिल्लई बाद में प्रजा समाजवादी दल और फिर भाजपा में शामिल हो गए। पिल्लई स्वतंत्रता के बाद किसी भी चुनाव में मतदान के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने से नहीं चूकने वाले व्यक्ति होने के कारण कुछ वर्ष पहले सुर्खियों में आए थे।
उन्होंने साक्षात्कार में बताया था कि उन्होंने पहला वोट त्रावणकोर में 'जिम्मेदार सरकार' की संविधान सभा के प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए फरवरी 1948 को डाला था। इस सभा को बाद में नेताओं के अनुरोध पर विधान सभा की शक्तियां दी गईं। पिल्लई ने कहा था, ‘‘मैंने किसी मतदान केंद्र पर अपना पहला वोट यहां पंगोडे में त्रावणकोर स्टेट फोर्स के सैन्य शिविर में डाला था।’’
उन्होंने बताया था कि तब से उन्होंने हर मतदान में मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने 1980 के दशक में तिरुवतनंतपुरम से भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं सके थे। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने पिल्लई के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि एक प्रमुख सामाजिक-राजनीतिक सक्रियतावादी होने के अलावा उन्होंने एक जाने माने वकील के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने पिल्लई के निधन पर शोक व्यक्ति करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान पिल्लई से फोन पर बात की थी।