लाइव न्यूज़ :

ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद खड़ी हुई नई चुनौती, मध्यप्रदेश में बीजेपी से सीएम पद के 4 दावेदार!

By संतोष ठाकुर | Updated: March 12, 2020 09:31 IST

एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आने वाले समय में क्या गारंटी है कि शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय की तरह ही ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं होंगे. केंद्रीय नेतृत्व को यहां पर सरकार परिवर्तन के साथ ही इन मुददों पर भी सोचना चाहिए.

Open in App
ठळक मुद्देज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने से जहां केंद्रीय भाजपा खुश है तो वहीं मध्यप्रदेश भाजपा में नई तरह की शंका और समस्या को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. स्थानीय और प्रदेश के नेता यह सवाल कर रहे हैं कि आखिर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व आने वाले समय में यहां पर शक्ति संतुलन कैसे रखेगा.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने से जहां केंद्रीय भाजपा खुश है तो वहीं मध्यप्रदेश भाजपा में नई तरह की शंका और समस्या को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. स्थानीय और प्रदेश के नेता यह सवाल कर रहे हैं कि आखिर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व आने वाले समय में यहां पर शक्ति संतुलन कैसे रखेगा. जब यहां पर अधिकार और वरीयता देने का समय आएगा तो भाजपा में आने वाले नए साथियों को सम्मान दिया जाएगा या फिर पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा.एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आने वाले समय में क्या गारंटी है कि शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय की तरह ही ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं होंगे. केंद्रीय नेतृत्व को यहां पर सरकार परिवर्तन के साथ ही इन मुददों पर भी सोचना चाहिए. जिससे भाजपा में आंतरिक विद्वेष की भावना नहीं बढ़ पाए.

प्रदेश भाजपा के इन सवालों पर पार्टी के एक महासचिव ने कहा कि जब कोई नया सदस्य परिवार में आता है तो इस तरह के सवाल उठते रहते हैं. लेकिन समय के साथ अधिकार और कार्य का बंटवारा हो जाता है. परिवार में यह समायोजन अपने आप हो जाता है. मध्यप्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता, जो इस समय केंद्रीय राजनीति में हैं, ने लोकमत समाचार से बातचीत में कहा कि इस समय उत्सव काल है. ऐसे में इस तरह के सवाल बेनामी है.

हालांकि आने वाले समय में हमें यह देखना होगा कि किस तरह से नए और पुराने के बीच समभाव बना रहे. जो नए विधायक हमारे साथ आ रहे हैं, वह हमारे पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं को हराकर विधायक बने हैं. ऐसे में जब अगली बार विधानसभा चुनाव होंगे तो उम्मीदवार कौन होगा. वह नए आए साथी होंगे या फिर पुराने समर्पित कार्यकर्ता होगा. इसी तरह से अगर सिंधिया काम करने आए हैं तो उनकी लिए किसी पुराने साथी की राज्यसभा टिकट क्यों काटी जा रही है? वह जमीन पर काम करें.

इसी तरह की स्थिति विभिन्न नगर निगम, मंडी में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर होने वाला है. मध्यप्रदेश में यह समस्या इसलिए बड़ी है क्योंकि यहां पर भाजपा घर—घर है. यहां पर भाजपा के साथ लोग दशकों से जुड़े हैं. क्या उनके साथ आने वाले समय में उपेक्षा नहीं होगी, यह कैसे तय होगा. 

टॅग्स :ज्योतिरादित्य सिंधियाभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)मध्य प्रदेशकांग्रेस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारतपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में देती हैं महत्वपूर्ण योगदान, मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारत अधिक खबरें

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद