चिदंबरम की गिरफ्तारी की राह आसान बनाने वाले जस्टिस सुनील गौड़ बनेंगे PMLA (अपीलीय प्राधिकरण) के अध्यक्ष!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 28, 2019 01:18 PM2019-08-28T13:18:06+5:302019-08-28T13:18:06+5:30
जस्टिस सुनील गौड़ दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त हो गये थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब वो पीएमएलए (अपीलीय प्राधिकरण) के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं।
आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर पूर्व वित्त मंत्री की गिरफ्तारी का मार्ग प्रशस्त करने वाले न्यायमूर्ति सुनील गौड़ पीएमएलए (अपीलीय प्राधिकरण) के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। 'द प्रिंट' ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि वो 23 सितंबर को कार्यभार ग्रहण करेंगे। फिलहाल एटीपीएमएलए के अध्यक्ष जस्टिस मनमोहन सिंह हैं जो 23 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं। प्राधिकरण एक अध्यक्ष तथा दो अन्य सदस्यों से मिलकर बना है। पीएमएलए के तहत एटीएफपी के अध्यक्ष तथा सदस्य प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा सदस्य के पद के अतिरिक्त प्रभार का वहन करते हैं। गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को ही जज सुनील गौड़ दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त हो गये थे।
न्यायमूर्ति गौड़ को अप्रैल 2018 में पदोन्नत कर उच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया था। उन्हें 11 अप्रैल 2012 को स्थायी न्यायाधीश नामित किया गया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अन्य हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई की। उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में सोमवार को कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की अग्रिम जमानत नामंजूर कर दी।
न्यायमूर्ति गौड़ ने कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) मामले में पिछले साल एक फैसला सुनाते हुए उसे यहां आईटीओ स्थित अपना कार्यालय खाली करने को कहा था। हालांकि, इस फैसले को उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने बरकरार रखा लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस साल अप्रैल में इस पर रोक लगा दी। यह विषय फिलहाल शीर्ष न्यायालय में लंबित है।
न्यायमूर्ति गौड़ ने विवादास्पद मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ धन शोधन के मामले सहित भ्रष्टाचार के मामलों से जुड़े कुछ अन्य मुद्दों की भी सुनवाई की। आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए 62 वर्षीय न्यायाधीश ने मंगलवार को उन्हें ‘मुख्य षडयंत्रकारी’ करार दिया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर