व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बराबर ही पीड़ित को न्याय भी महत्वपूर्ण : राकांपा
By भाषा | Published: November 11, 2020 10:59 PM2020-11-11T22:59:06+5:302020-11-11T22:59:06+5:30
मुम्बई, 11 नवंबर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार को पत्रकार अर्नब गोस्वामी को उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने व्यक्तिगत आजादी एवं (अपराध के) पीड़ित के लिए इंसाफ के बीच संतुलन का आह्वान किया।
उच्चतम न्यायालय ने यह कहते हुए रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक गोस्वामी को बुधवार को अंतरिम जमानत दी कि अगर व्यक्तिगत स्वतंत्रता बाधित की जाती है तो यह न्याय का उपहास होगा। गोस्वामी फिलहाल तलोजा जेल में हैं।
शीर्ष अदालत ने विचारधारा और मत भिन्नता के आधार पर लोगों को निशाना बनाने के राज्य सरकारों के रवैये पर गहरी चिंता व्यक्त की।
राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘देश की न्यायपालिका का सम्मान करना सभी की जिम्मेदारी है । व्यक्ति की आजादी की बात की गयी लेकिन उसी के साथ (अपराध के) पीड़ित के इंसाफ का (मुद्दा)भी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी व्यक्ति की आजादी एवं पीड़ित को इंसाफ के बीच एक रेखा होनी चाहिए। कानून के सामने बराबर लेागों में कोई खास नहीं हो सकता।’’
गोस्वामी ने उच्च न्यायालय के नौ नवंबर के आदेश को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने इस मामले में गोस्वामी एवं दो अन्य को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।
तीनों आरोपियों को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की अलीबाग पुलिस ने चार नवंबर को इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को 2018 में आत्महत्या के लिये उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कियाथा। इन पर आरोप है कि उनकी कंपनियों ने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया था।
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