अयोध्या विवाद: जानें राम जन्मभूमि केस में मध्यस्थ पैनल के मुखिया जस्टिस एफएम ख़लीफुल्लाह के बारे में

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 8, 2019 02:29 PM2019-03-08T14:29:17+5:302019-03-08T15:03:12+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर जमीन विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता समिति का गठन किया है। इस समिति में  सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एफएम ख़लीफुल्लाह, श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू होंगे।

Justice FM Ibrahim Kalifullah headed mediation committee on Ram Janmabhoomi Babri Masjid land dispute case | अयोध्या विवाद: जानें राम जन्मभूमि केस में मध्यस्थ पैनल के मुखिया जस्टिस एफएम ख़लीफुल्लाह के बारे में

जस्टिस कलीफुल्लाह सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त अयोध्या मामले में मध्यस्थता समिति के मुखिया होंगे- ANI PHOTO

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर जमीन विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता समिति का गठन किया है। इस समिति में  सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एफएम कलीफुल्लाह, श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर जमीन विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता समिति का गठन किया है। इस समिति में  सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एफएम ख़लीफुल्लाह, श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू होंगे।  इस समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए आठ हफ्तों का समय दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस की मीडिया रिपोर्टिंग पर भी रोक लगा दी है। इस समिति को पूर्व जस्टिस एफएमआई ख़लीफुल्लाह हेड करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जस्टिस ख़लीफुल्लाह ने मीडिया से कहा,  "मैं जानता हूं कि शीर्ष कोर्ट ने मेरी अध्यक्षता में एक मध्यस्थता समिति नियुक्त की है। मुझे अभी तक आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है। मैं कह सकता हूं कि यदि समिति गठित की गई है तो हम इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।"

मध्यस्थता फैजाबाद में होगी

पीठ ने निर्देश दिया कि मध्यस्थता की सारी कार्यवाही उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में होगी और यह प्रक्रिया आठ सप्ताह के भीतर पूरी की जायेगी। मध्यस्थता समिति को चार सप्ताह के भीतर अपनी कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट न्यायालय को देनी होगी। 

मीडिया को रिपोर्टिंग से मनाही

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मध्यस्थता प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिये इसकी कार्यवाही की पूरी गोपनीयता बनाये रखनी चाहिए और किसी भी मीडिया-प्रिंट तथा इलेक्ट्रानिक- को इसकी कार्यवाही की रिपोर्टिंग नहीं करनी चाहिए। पीठ ने कहा कि समिति अपने दल में और सदस्यों को शामिल कर सकती है और यदि किसी प्रकार की परेशानी आती है तो समिति के अध्यक्ष शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को इस बारे में सूचित करेंगे।

संविधान पीठ ने इस भूमि विवाद का सर्वमान्य हल खोजने के इरादे से इसे मध्यस्थता के लिये भेजने के बारे में बुधवार को सभी संबंधित पक्षों को सुना था। पीठ ने कहा था कि इस भूमि विवाद को मध्यस्थता के लिये सौंपने या नहीं सौंपने के बारे में बाद में आदेश दिया जायेगा। न्यायालय ने कहा था कि वह इस बारे में आदेश देगा राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को मध्यस्थता के लिये भेजा जाए या नहीं। 

जानें जस्टिस ख़लीफुल्लाह के बारे में
पूर्व न्यायाधीश एफएमआई ख़लीफुल्लाह का जन्म 23 जुलाई 1951 में तमिलनाडु के कराइकुडी शिवगंगई जिला में हुआ था। कलीफुल्ला  ने अपने करियर की शुरुआत वकील के तौर पर की थी।  2 फरवरी 2011 में कलीफुल्लाह मद्रास हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किए गए।

फरवरी 2011 में, वह जम्मू और कश्मीर के उच्च न्यायालय के सदस्य बने और उन्हें दो महीने बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।  2 अप्रैल 2012 को, उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय में नामित किया गया। जस्टिस ख़लीफुल्लाह 22 जुलाई 2016 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए।  

English summary :
The Supreme Court has constituted an arbitration committee to solve the land dispute in the Ayodhya Ram temple. In this committee, former Supreme Court Justice FM Khalifullah, Sri Sri Ravi Shankar and senior lawyer Shriram Panchu will be present.


Web Title: Justice FM Ibrahim Kalifullah headed mediation committee on Ram Janmabhoomi Babri Masjid land dispute case

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