जुएल ओरम, राधा मोहन सिंह और एसएस अहलुवालिया लोकसभा अध्यक्ष पद की दौड़ में

By हरीश गुप्ता | Published: June 5, 2019 07:36 AM2019-06-05T07:36:52+5:302019-06-05T07:36:52+5:30

Jual Oram, Radha Mohan Singh and SS Ahluwalia in the race for Lok Sabha Speaker | जुएल ओरम, राधा मोहन सिंह और एसएस अहलुवालिया लोकसभा अध्यक्ष पद की दौड़ में

राधामोहन सिंह मोतिहारी से छठी बार सांसद चुने गए हैं.

Highlightsएनडीए शासनकाल के दौरान लोकसभा अध्यक्ष के अध्यक्ष पद पर रहने वाले अंतिम आदिवासी पी. संगमा थे. भाजपा को छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और उत्तर पूर्व के आदिवासी क्षेत्रों में काफी दिलचस्पी है.

भाजपा के दिग्गज जुएल ओरम (ओडिशा), एस. एस. अहलुवालिया (पश्चिम बंगाल), मेनका गांधी (यूपी), राधा मोहन सिंह (बिहार) 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए दावेदार हैं. हालांकि, आठ बार चुनाव जीत चुकीं मेनका गांधी लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं, वहीं, एस. एस. अहलुवालिया के लोकसभा और राज्यसभा में संयुक्त कार्यकाल को देखें, तो वह भी समान रूप से वरिष्ठ हैं. राधा मोहन सिंह भी बिहार के वरिष्ठ भाजपा नेता हैं और इसी तरह ओरम भी हैं. ये सभी मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे और अलग-अलग कारणों से इन्हें पदभार नहीं दिया गया है.

इसका जिक्र किया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश से आठ बार सांसद संतोष गंगवार को भाजपा प्रमुख अमित शाह पद देना चाहते थे, लेकिन पूर्व श्रम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने राजनीतिक कारणों का हवाला देकर इसे विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया. वह भाग्यशाली थे कि उन्हें बाहर का रास्ता नहीं दिखाया गया था. विवादास्पद टिप्पणी करने के कारण पूर्व महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की संभावनाएं उज्ज्वल नहीं दिखती हैं. हालांकि, राजनीतिक रूप से यह लोकसभा में फायदेमंद हो सकता है जब सोनिया और राहुल को उसके सामने झुकना होगा.

भाजपा ओडिशा और पश्चिम बंगाल जीतना चाहती है, लेकिन पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 में जबकि ओडिशा में 2024 में होगा. ओरम आदिवासी नेता हैं और उनका पिछड़ना थोड़ा हैरान करने वाला था. एनडीए शासनकाल के दौरान लोकसभा अध्यक्ष के अध्यक्ष पद पर रहने वाले अंतिम आदिवासी पी. संगमा थे. भाजपा को छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और उत्तर पूर्व के आदिवासी क्षेत्रों में काफी दिलचस्पी है.

किसी को पता नहीं, किसका होगा चयन :

वैसे, यह किसी को पता नहीं है कि इस प्रतिष्ठित पद पर कौन काबिज होगा. दौड़ में शामिल नेताओं को छोड़कर किसी अन्य को भी इसकी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. अध्यक्ष के लिए चुनाव 19 जून को होगा. संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ अहलुवालिया के पास जबरदस्त कानूनी कौशल है. अगर ओरम मृदुभाषी हैं, तो जुझारू अहलुवालिया सदन को प्रभावी ढंग से चलाने के मानदंडों पर खरे उतरते हैं. अहलुवालिया का अल्पसंख्यक समुदाय से होना अतिरिक्त लाभ है. साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल की वह सीट जीती जो बेहद कठिन थी.

Web Title: Jual Oram, Radha Mohan Singh and SS Ahluwalia in the race for Lok Sabha Speaker

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