जेपी नड्डा ने विपक्ष को 'भानुमती का कुनबा' कहा, बोले- "एनडीए की बैठक देश सेवा के लिए हो रही है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 18, 2023 07:50 IST2023-07-18T07:47:37+5:302023-07-18T07:50:29+5:30
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्षी दलों की बेंगलुरु में हो रही बैठक को 'भानुमती का कुनबा' बताया। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में हो रही एनडीए की बैठक का लक्ष्य देश की सेवा बताया।

जेपी नड्डा ने विपक्ष को 'भानुमती का कुनबा' कहा, बोले- "एनडीए की बैठक देश सेवा के लिए हो रही है"
नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्षी दलों की बेंगलुरु में हो रही बैठक को 'भानुमती का कुनबा' बताया है। इसके साथ ही भाजपा प्रमुख ने मंगलवार को दिल्ली के अशोक होटल में हो रही एनडीए की बैठक का उद्देश्य देश सेवा बताया। उन्होंने कहा कि एनडीए की बैठक में शामिल हो रहे 38 दल देश की सेवा भावना के आधार बना एकजुट हो रहे हैं और इस कारण एनडीए का गठबंधन आदर्श राजनीति की मिसाल पेश कर रहा है।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एनडीए के सबसे बड़े घटक दल के नेता नड्डा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन से एनडीए का दायरा बढ़ा है और उसके मुकाबले विपक्षी दलों की एकता वार्ता कहीं नहीं ठहरती है। नड्डा ने भाजपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि आज की तारीख में एनडीए का विस्तार बता रहा है कि पीएम मोदी द्वारा देश की जनता के लिए लागू की गई सरकारी योजनाओं और नीतियों का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
इसके साथ ही उन्होंने बेंगलुरु में विपक्षी बैठक को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी एकता खोखली और स्वार्थ पर आधारित है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास न तो कोई नेता है, न नीति है और न ही निर्णय लेने की शक्ति है। विपक्ष के यूपीए सरकार के 10 वर्षों में केवल भ्रष्टाचार हुआ है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दागी नेताओं के एनडीए में शामिल करने के सवाल पर कहा कि ऐसे मामलों में कानून अपना काम करेगा और पार्टी सदैव कानून के साथ खड़ी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा अपनी विचारधारा को निरंतर आगे बढ़ाएगी क्योंकि पार्टी का लक्ष्य है एक मजबूत राष्ट्र।
उन्होंने कहा, “भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने अस्तित्व में आने के बाद से वैचारिक रूप से मुद्दों को आगे बढ़ाया है। चाहे वह राम मंदिर हो या अनुच्छेद 370 ता मुद्दा हो। हम हमेशा मजबूत राष्ट्र के लिए खड़े रहे हैं। हम परमाणु परीक्षण के पक्ष में थे और अटलजी उनके साथ आगे बढ़े। कुछ लोग हमें आज समझते हैं, कुछ कल।''