Lokmat Parliamentary Awards 2023: जॉन ब्रिटास: मीडिया में करीब 3 दशक की बड़ी पारी खेलने के बाद साल 2021 में राजनीति में कदम रखा, सर्वश्रेष्ठ नवोदित सांसद का अवार्ड मिला
By आकाश चौरसिया | Published: February 6, 2024 05:12 PM2024-02-06T17:12:59+5:302024-02-06T17:40:25+5:30
15 मई, 1966 को जन्मे ब्रिटास की शुरुआती पढ़ाई कन्नूर के पुलिकुरुम्बा गांव में ही हुई। इसके बाद वह डॉन बोन्स्को स्कूल में अपनी हायर सेकेंडरी की पढ़ाई पूरी करने के लिए त्रिशूर चले गए। उन्होंने सर सैयद कॉलेज से सीनियर सेकेंडरी, पय्यान्नूर कॉलेज से ग्रेजुएशन और श्री केरल वर्मा कॉलेज, पोस्ट ग्रेजुएशन किया।

फाइल फोटो
Lokmat Parliamentary Awards 2023: मीडिया में करीब 3 दशक की बड़ी पारी खेलने के बाद जॉन ब्रिटास ने साल 2021 में राजनीति में कदम रखा। सीपीआई (एम) ने उन्हें केरल का प्रतिनिधित्व करने के लिए 24 अप्रैल 2021 को राज्यसभा सदस्य के रूप में नामित किया। जॉन ब्रिटास राज्यसभा सदस्य के साथ-साथ कैराली टेलीविजन नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एडिटर भी हैं। वो साल 2016 से 2021 के बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के सलाहकार भी रहे। इसके अलावा उन्होंने डिजनी ग्रुप के केरल बिजनेस हेड के रूप में भी अपनी सेवाएं दी।
15 मई, 1966 को जन्मे ब्रिटास की शुरुआती पढ़ाई कन्नूर के पुलिकुरुम्बा गांव में ही हुई। इसके बाद वह डॉन बोन्स्को स्कूल में अपनी हायर सेकेंडरी की पढ़ाई पूरी करने के लिए त्रिशूर चले गए। उन्होंने सर सैयद कॉलेज से सीनियर सेकेंडरी, पय्यान्नूर कॉलेज से ग्रेजुएशन और श्री केरल वर्मा कॉलेज, पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम.फिल और पीएचडी हासिल की।
डॉ. जॉन ब्रिटास अपने कॉलेज के दिनों में छात्र राजनीति में सक्रिय थे और विश्वविद्यालय छात्र संघ के पदाधिकारियों में से एक थे। ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद उन्होंने पत्रकारिता में कदम रखा। उन्होंने दिल्ली से एक प्रिंट पत्रकार और एक इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मी के रूप में भी काम किया और उन्हें भारतीय समाज और राजनीति को आकार देने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर करने का अवसर मिला।
बाबरी मस्जिद का विध्वंस, गुजरात दंगे, पाकिस्तान में होने वाली घटनाएं और नेपाल चुनाव उन महत्वपूर्ण घटनाओं में से हैं, जिन्हें उन्होंने देखा और रिपोर्ट किया। वह अमेरिका-इराक संघर्ष को कवर करने के लिए बगदाद जाने वाले पहले भारतीय पत्रकार भी थे।
जॉन ब्रिटास को प्रधानमंत्री की मीडिया टीम का हिस्सा बनने का भी अवसर मिला, जिसने अमेरिका, रूस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड जैसे देशों का दौरा किया। डॉ. जॉन ब्रिटास को कम उम्र में भारतीय संसद को कवर करने वाले पत्रकार के रूप में भी जाना जाता है।
तत्कालीन उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने डॉ. जॉन ब्रिटास को सदन में उनकी भागीदारी और सदन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को लेकर उनकी सराहना भी की थी। संसद में इनकी भागीदारी की बात करें तो जॉन ब्रिटास ने 305 सवाल पूछे हैं और 624 डिबेट में भाग लिया है। वो संसद की दो समीतियों के सदस्य भी हैं। डॉ. जॉन ब्रिटास प्रिंट मीडिया में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर नियमित रूप से लेख भी लिखते हैं।