जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दल अगस्त, 2019 से ‘बैकफुट’ पर हैं, लेकिन जल्द ही समय बदलेगा: लोन

By भाषा | Published: August 29, 2021 09:02 PM2021-08-29T21:02:34+5:302021-08-29T21:02:34+5:30

J&K political parties have been on 'backfoot' since August, 2019, but times will change soon: Lone | जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दल अगस्त, 2019 से ‘बैकफुट’ पर हैं, लेकिन जल्द ही समय बदलेगा: लोन

जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दल अगस्त, 2019 से ‘बैकफुट’ पर हैं, लेकिन जल्द ही समय बदलेगा: लोन

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा के राजनीतिक दल अगस्त 2019 में तत्कालीन राज्य के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद से ‘बैकफुट’ पर (कमजोर स्थिति में) हैं, लेकिन "फ्रंट फुट पर खेलने’’ का उनका समय जल्द आएगा। जिला विकास परिषद (डीडीसी), कुपवाड़ा के उपाध्यक्ष फारूक अहमद मीर के पार्टी में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए लोन ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में मुख्यधारा की पार्टियां आज की तारीख में शक्तिहीन हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 24 जून की बैठक के नतीजे को लेकर जम्मू-कश्मीर के कुछ राजनीतिक दलों के बीच निराशा पर उन्होंने कहा कि उन्हें पहले से ही इससे कोई उम्मीद नहीं थी। लोन ने कहा, ‘‘चीजें वैसी नहीं रहतीं और स्थितियां बदल जाती हैं। पांच अगस्त (2019) के बाद, कश्मीरी समाज और राजनीति- मुख्यधारा की पार्टियां - हम बैकफुट पर हैं। लेकिन, इतिहास गवाह है, कोई भी समाज हमेशा के लिए बैकफुट पर (पीछे) नहीं रहता है। अल्लाह की मर्जी से फ्रंट फुट पर खेलने का हमारा समय जल्द ही आएगा।” उन्होंने कहा, ‘‘यह एक लंबा खेल है। पांच अगस्त को कुछ भी शुरू नहीं हुआ और पांच अगस्त को कुछ भी समाप्त नहीं हुआ। चीजें चलती रहेंगी, राजनीति चलती रहेगी।’’ एक सवाल के जवाब में, पीसी अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र द्वारा पांच अगस्त, 2019 को लिए गए फैसलों के खिलाफ लोगों में गुस्सा है और यह ‘‘बहुत खतरनाक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गुस्सा हर जगह नेतृत्व के खिलाफ है। दुनिया में कोई जगह नहीं है जहां मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ कोई गुस्सा नहीं है। हां, (गुस्से को शांत करने के लिए) हमारी भूमिका है, लेकिन आज की तारीख में हम शक्तिहीन हैं, हम कुछ भी नहीं कर सकते।’’ मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों की 24 जून की बैठक के नतीजे पर लोन ने कहा, ‘‘पांच अगस्त के बाद निराशा की लहर छा गई। सर्वदलीय बैठक को लेकर मेरा कोई मोहभंग नहीं हुआ था। यह एक सामाजिक बातचीत, एक राजनीतिक बातचीत और विचारों का आदान-प्रदान था। मुझे बैठक से कुछ भी उम्मीद नहीं थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नहीं सोचा था कि हमें बैठक से कुछ भी मिल सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समय की मांग है कि दिल्ली और श्रीनगर के बीच संवादहीनता न हो। यह बहुत जरूरी है कि संवाद जारी रहे।’’ मीर का पार्टी में स्वागत करते हुए लोन ने कहा कि उनका जीवन संघर्षपूर्ण रहा है और उनके क्षेत्र के लोग उनका बहुत सम्मान करते हैं। लोन ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनकी पार्टी इस कठिन और चुनौतीपूर्ण समय में जम्मू-कश्मीर के लोगों की मदद करने में सक्षम होगी। मीर ने कहा कि यह संतोष की बात है कि पीसी जम्मू-कश्मीर में एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में उभर रही है। उन्होंने कहा कि वह वास्तव में मानते हैं कि लोन एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों को मौजूदा स्थिति से बाहर निकालने में सक्षम हैं।

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