J&K: पुलिस महानिदेशक की हत्या की आतंकी गुट PAFF ने ली जिम्मेदारी, कहा- गृहमंत्री को उनका छोटा सा तोहफा, अलर्ट जारी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 4, 2022 11:58 AM2022-10-04T11:58:40+5:302022-10-04T12:16:10+5:30
पीएएफएफ के प्रवक्ता तनीवर अहमद राथर ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। उसने लिखा कि जम्मू कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर आए गृहमंत्री अमित शाह को इतनी सख्त सुरक्षा के बावजूद यह छोटा सा तोहफा है।
जम्मूः जम्मू-कश्मीर के महानिदेशक (कारागार) हेमंत लोहिया की हत्या की प्रारंभिक जांच में उसके घरेलू सहायक यासिर अहमद की भूमिका की ओर इशारा किया गया है। वहीं इस बीच जैशे मुहम्मद के बदले हुए स्वरूप आतंकी गुट पीएएफएफ अर्थात पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने इस हत्या की जिम्मेदारी लेकर सनसनी फैला दी है। PAFF ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए एक "छोटा उपहार" था। गौरतलब है कि अमित शाहजम्मू कश्मीर के अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर हैं और आज श्रीनगर का दौरा करेंगे।
इस हत्याकांड के बाद जम्मू कश्मीर में हाई अलर्ट जारी करने के साथ ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जुड़े हुए सहायकों व नौकरों की गहन छानबीन करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं कश्मीर में सक्रिय इस आतंकी गुट ने जम्मू के उदयवाला में डीजी जेल की उनके दोस्त के घर में हत्या करने का दावा करते हुए कहा कि इस हमले को अंजाम देकर उन्होंने यह दिखा दिया है कि वे जब चाहें, जहां चाहें हमला कर सकते हैं।
पीएएफएफ के प्रवक्ता तनीवर अहमद राथर ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। उसने लिखा कि जम्मू कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर आए गृहमंत्री अमित शाह को इतनी सख्त सुरक्षा के बावजूद यह छोटा सा तोहफा है। हालांकि पीएएफएफ ने डीजी जेल की हत्या करने का जो दावा किया है, उसके बारे में जम्मू कश्मीर पुलिस ने फिलहाल कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया है।
सीसीटीवी फुटेज में यासिर को भागते हुए देखा गया
अधिकारियों ने बताया कि हत्या के बाद से ही रामबन निवासी नौकर यासिर अहमद की तलाश की जा रही है। उदयवाला में ही एक दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में यासिर की वीडियो कैद हुई हैं। फुटेज में यासिर को अपराध करने के बाद भागते हुए देखा गया है। बताया जा रहा है कि यासिर लोहिया के पास काम करने से पहले प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम के घर पर काम कर चुका है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि यासिर के पकड़े जाने के बाद ही पूरे मामले पर से पर्दा उठ पाएगा।
एडीजीपी मुकेश सिंह ने कहा, उनका घरेलू नौकर यासिर पिछले छह महीने से डिप्रेशन का शिकार था। जबकि पीएएफएफ ने लिखा है कि उनके स्पेशल स्कवाड ने इंटेलिजेंस के आधार पर इस आपरेशन को अंजाम दिया। कश्मीर घाटी में हाल ही में सक्रिय हुए आतंकी गुट पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने दावा किया कि वे आगे भी इस तरह की आतंकी वारदातों को अंजाम देते रहेंगे।
1992 बैच के आइपीएस आफिसर थे लोहिया
1992 बैच के आइपीएस आफिसर 57 वर्षीय हेमंत कुमार लोहिया इसी साल अगस्त में जम्मू कश्मीर के डीजी जेल बने थे। जहां उनकी हत्या हुई वह घर उनके दोस्त राजीव खजुरिया का है। वह अपने परिवार व नौकर यासिर को भी अपने साथ ले गए थे। यासिर रामबन का रहने वाला है। एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया कि राजीव खजुिरया लोहिया के काफी करीबी दोस्त हैं, पूरा परिवार रात को उनके घर पर मौजूद था।
हेमंत लोहिया आतंकियों के लिए एक ऐसा नाम था जिसे सुनकर वे कांप उठते थे
हेमंत लोहिया आतंकियों के लिए एक ऐसा नाम था जिसे सुनकर टेरर टोली कांप उठती थीं। 90 के शुरुआती दौर में जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तब से लेकर 3 अक्तूबर 2022 तक हेमंत लोहिया का 3 दशक का करियर बेहद शानदार रहा। उन्होंने लालचौक पर फिदायीन हमले के मिशन को नाकाम किया था। वहीं, बीएसएफ में रहकर देश के दुश्मनों के मंसूबे ध्वस्त करने का जिम्मा भी उन्होंने उठाया था। हेमंत लोहिया अगस्त 2022 में जम्मू कश्मीर के डीजी (जेल) बनाए गए। सूत्रों का कहना है कि वह जम्मू कश्मीर के नए डीजीपी की रेस मे सबसे आगे थे। इसलिए उनको एक साल पहले ही डेपुटेशन से वापस बुलाया गया। जांच का एक पहलू यह भी है।
कौन है पीएएफएफ
पाकिस्तानी आतंकवादी समूह (पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट) जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है। पीपुल्स एंटी-फ़ासिस्ट फ्रंट पीएएफएफ (पीएएफएफ) पाकिस्तान बेस्ड आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ही बदला हुआ रूप है। कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से पीएएफएफ का नाम सामने आने लगा था। पीएएफएफ आतंकी समूह अंसार गजवत-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिर मूसा से प्रेरित है, जो वैश्विक आतंकी समूह अल कायदा के लिए वफादार माना जाता है।
पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट पीएएफएफ ने 2020 में वीडियो जारी कर धमकी दी थी जिसमें कहा गया था कि कश्मीर में इजरायल की तरह सेटलर्स कालोनी नहीं बसाने देंगे। इन कॉलनीज में बसने वाले भारतीयों को निशाने पर लिया जाएगा।
पीएएफएफ पहले भी कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका हैं
पीएएफएफ पहले भी कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका हैं। अक्तूबर 2021 में जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के सुरनकोट में घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने ली थी। सुरनकोट में हुए आतंकी हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे।
इससे पहले पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भाजपा नेता राकेश पंडिता की हत्या की जिम्मेदारी ले चुका है। गुट की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर बताया गया था कि उनके कैडर ने त्राल में राकेश पंडिता की हत्या की है। राकेश पंडिता त्राल के नगर पार्षद के पद पर थे।
पीएएफएफ अब तक कई वीडियो संदेश जारी कर चुका है और कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए इस तरह के और हमलों की चेतावनी दी है। एक वीडियो में धुंधले चेहरे वाले एक व्यक्ति ने सुरक्षा बलों के खिलाफ हमलों को बढ़ाने की चेतावनी दी थी।
इतना ही नहीं गुट ने यह भी चेतावनी दी थी कि वह भारत को कश्मीर में किसी भी जी -20 बैठक का आयोजन करने की अनुमति नहीं देने के लिए दृढ़ है और इसे रोकने के लिए कुछ भी और सब कुछ करेगा। वहीं, हेमंत लोहिया की हत्या की खबर मिलते ही जम्मू कश्मीर अलर्ट मोड पर आ गया है क्योंकि इतनी बड़ी वारदात का होना कहीं न कहीं सुरक्षा पर सवाल उठाती है।