श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि राजनीति में विरोधी हो सकते हैं लेकिन वो दुश्मन नहीं होते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति विभाजन और नफरत फैलाने का कारण नहीं हो सकती है।
उमर अब्दुल्ला ने यह बात ट्विटर पर उस वीडियो को साझा करते हुए कहा है कि जिसमें भारतीय जनता पार्टी के जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष रविंदर रैना उनकी तारीफ कर रहे हैं। माना रहा है कि जम्मू-कश्मीर की सियासत में नेशनल कॉन्फ्रेंस और भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर पिछले दरवाजे से कोई करार कर सकते हैं।
उमर द्वारा ट्विटर पर साझा किये गये वीडियो में रविंदर रैना पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला को सूबे की सियासत का नायाब "रत्न" बता रहे हैं और कह रहे हैं कि इस समय प्रदेश की सियासत में जो भी दिग्गज सायासी नेता हैं, उनमें उमर अब्दुल्ला का कद बहुत बड़ा है।
इसके साथ ही रैना ने अपनी बात में कहा, "जब मैं साल 2014 में उमर के साथ विधानसभा का सदस्य बना, तो हमने देखा कि एक बेहरीन शख्सियत के तौर पर उमर अब्दुल्ला को देखा था। इसलिए हम सियासत में अलग सोच रखते हुए आज भी अच्छे दोस्त भी हैं।"
रैना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सियासत में उमर अब्दुल्ला ऐसे पहले वाहिद शख्स थे जिन्होंने मुझे उस समय फोन किया था, जब मैं कोरोनोवायरस से पीड़ित था। उमर अब्दुल्ला ने रैना के इस वीडियो को ट्विवटर पर साझा करते हुए कहा कि राजनीतिक रूप से असहमत होने पर नेताओं के बीच व्यक्तिगत रूप से एक-दूसरे से नफरत नहीं होनी चाहिए।
उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में आगे कहा, "मेरे राजनीतिक विरोधी हैं, लेकिन वे मेरे दुश्मन नहीं हैं। मैं रविंदर के इन शब्दों के लिए आभारी हूं और मुझे खुशी है कि वे हमें एक-दूसरे का विरोध करने से नहीं रोकेंगे।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)