जीतन राम मांझी ने कहा, "दो घूंट शराब से तबियत खराब नहीं होती, बल्कि नींद अच्छी आती है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 23, 2022 10:43 PM2022-07-23T22:43:55+5:302022-07-23T22:53:01+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून को मजाक बताते हुए कहा कि जिसकी जेब में माल है, उसके लिए सब कुछ है। पहले दाम पर मिलता था अब औने-पौने दाम पर मिलता है।
सासाराम: मुख्यमंत्री नीतीश कुमारबिहार में पूर्ण शराबबंदी के लिए अपना सब कुछ झोंकने के लिए तैयार हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने यह कहकर उनके शराबबंदी कानून में पतीला लगा दिया कि शराब की दो घूंट तो ताजगी जगाती है। शराब का सेवन दो पैग तक किया जाए तो उससे स्वास्थ्य खराब नहीं होता है।
वहीं सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी ताकत लगाकर बिहारवासियों को शराब से छुटकारा दिलाना चाहते हैं। वो प्रदेश में शराब बनाने, रखने, बेचने, पीने और पिलाने वालों को समान अपराधी मानते हुए उन्हें सीधे जेल भेजने की बात करते हैं लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून को मजाक बताते हुए कहा कि जिसकी जेब में माल है, उसके लिए सब कुछ है। पहले दाम पर मिलता था अब औने-पौने दाम पर मिलता है।
जीतन राम मांझी ने रोहतास के मुख्यालय सासाराम में कहा कि सब बेकार की बात है, अरे शराब के दो पैग भला क्या होता है। अगर नींद न आ रही हो और सोते वक्त दो घूंट गले के नीचे उतार लीजिए तो नींद अच्छी आती है।
अपनी बात को सिद्ध करने के लिए पूर्व सीएम मांझी ने डॉक्टरों को भी अपने लपेटे में ले लिया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर लोग भी तो दवाई के तौर पर शराब को पीने की सलाह देते हैं।
मांझी ने कहा बिहार सरकार को आबकारी नीति में संशोधन करना चाहिए। आज लाख शराबबंदी कानून लागू है बिहार में लेकिन शराब की खेप तो पहुंच ही रही है न। अब शराबबंदी के नाम पर सबसे ज्यादा शोषण गरीब या फिर अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों का होता है। बड़े लोग तो पैसे के बल पर सब कुछ मैनेज कर लेते हैं और वो लोग हर दिन शराब पीते हैं। भला कौन उनके गिरफ्तार करता है।
इसके साथ नीतीश सरकार को शराबबंदी के मामले में चुनौती देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा यदि आज भी रात में 9 बजे से 11 बजे तक बिहार की सड़कों पर ब्रेथ एनालाइजर से जांच की जाए तो कई बड़े लोगों को हथकड़ी लग जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। बिहार में शराबबंदी केवल दिखावा है, दुकान नहीं है लेकिन बिकता सब कुछ है।