जींद उपचुनावः जातिवादी कार्ड चलने पर भाजपा को पलड़ा भारी होने की उम्मीद
By बलवंत तक्षक | Published: January 23, 2019 06:54 AM2019-01-23T06:54:43+5:302019-01-23T07:14:46+5:30
जींद में जाटों के सबसे ज्यादा 52 हजार वोट हैं, लेकिन इस वोटों के तीन जगह बंटने की आशंका।
हरियाणा के जींद उप चुनाव में जातिवादी कार्ड चलने की स्थिति में भाजपा को अपना पलड़ा भारी होने की उम्मीद है. जातिवादी कार्ड चला तो भाजपा को एक लाख सत्तर हजार मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में 52 हजार जाटों के वोट तीन जगह बंटते दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, इनेलो के उमेद रेढू और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के दिग्विजय सिंह चौटाला, तीनों जाट और ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं, जबकि भाजपा के उम्मीदवार डॉ. कृष्ण मिड्ढा पंजाबी समुदाय से हैं और जींद शहर के बाशिंदे हैं. उनके पिता हरिचंद मिड्ढा लगातार दो बार इस क्षेत्र से विधायक रहे हैं.
इनेलो उप चुनाव में अपनी इस सीट को बरकरार रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने स्थानीय उम्मीदवार उमेद सिंह रेढू को मैदान में उतारा है. पहली बार विधानसभा के लिए किस्मत आजमा रहे रेढू जींद जिला परिषद् के वाइस चेयरमैन हैं.
इसी वजह से चुनाव में बाहरी बनाम स्थानीय उम्मीदवार का सवाल खड़ा किया जा रहा है. जींद के पिछड़ेपन को देखते हुए चौटाला ने इनेलो के सत्ता में आने पर जींद को राज्य की राजधानी बनाने का भी वादा किया है. इनेलो से अलग होने के बाद जेजेपी का गठन कर चुके सांसद दुष्यंत चौटाला अपने छोटे भाई दिग्विजय सिंह चौटाला के जरिए उप चुनाव में अपना दमखम दिखाने की कोशिशों में जुटे हैं.
दिग्विजय सिंह थोड़े से समय में ही बड़ी तादाद में युवा वर्ग को अपने साथ जोड़ने में सफल भी रहे हैं. उन्होंने वादा किया है कि भले ही राज्य की राजधानी चंडीगढ़ में हो, लेकिन सत्ता में आने के बाद वे जींद से ही अपनी सरकार चलाएंगे. इस बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव में दिग्विजय सिंह को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है.
अपनी जीत का दावा कर रहे कांग्रेस के उम्मीदवार रणदीप सिंह सुरजेवाला को उम्मीद है कि उन्हें शहरी और देहाती क्षेत्र, दोनों जगह से वोट मिलेंगे और चौकोने मुकाबले में वे आसानी से यह सीट निकाल लेंगे. उल्लेखनीय है कि सुरजेवाला इससे पहले जींद के साथ लगते इलाके नरवाना से दो बार पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को हरा चुके हैं.
एलएसपी को ब्राह्मण और सैनी जाति के वोटों का सहारा
लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (एलएसपी) के सुप्रीमो सांसद राजकुमार सैनी ने ब्राrाण उम्मीदवार विनोद आश्री को टिकट दी है. आश्री को ब्राrाण और सैनी जाति के वोटों का सहारा है. उन्हें जो वोट मिलेंगे, वह भाजपा के खाते से निकलेंगे, क्योंकि सैनी ने भाजपा से बगावत के बाद अपनी अलग पार्टी खड़ी कर ली है. हालांकि, मतदाता किस पर भरोसा करेंगे, यह 31 जनवरी को साफ हो जाएगा.