झारखंडः CM सोरेन ने पत्थलगड़ी के कारनामों जताई चिंता, कहा- घटना से मैं आहत हूं, सरकार दायर केस वापस लेने की तैयारी में
By एस पी सिन्हा | Published: January 22, 2020 04:27 PM2020-01-22T16:27:18+5:302020-01-22T16:27:18+5:30
झारखंड सरकार द्वारा पत्थलगड़ी के मामलों में दर्ज मुकदमों को वापस लेने की घोषणा से कुछ पत्थलगड़ी समर्थकों का दुस्साहस बढ़ा है. इसीका नतीजा है पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी में गत रविवार को पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा पत्थलगड़ी का विरोध करने वाले गुलीकेरा ग्राम पंचायत के उप मुखिया समेत सात ग्रामीणों की हत्या. पत्थलगड़ी आंदोलन की शुरुआत खूंटी से हुई थी.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पश्चिम सिंहभूम के बुरुगुलीकेरा गांव में सात ग्रामीणों की पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा की गयी नृशंस हत्या की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए गहरी चिन्ता और दुःख प्रकट किया है. सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नयी दिल्ली से जारी बयान में कहा, ‘‘इस घटना से मैं आहत हूं.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून सबसे ऊपर है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. राज्य की पुलिस जांच कर रही है. दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई और ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए वे आज सभी संबंधित अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा करेंगे.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पिछले दो दिनों से नयी दिल्ली में ही प्रवास कर रहे हैं. यहां यह भी बता दें कि झारखंड में छोटनागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी), संताल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी एक्ट) के विरोध पत्थलगड़ी के मामले में दर्ज मुकदमों को वापस लेने के लिए तैयारी चल रही है.
इनमें एक जनवरी 2015 से लेकर 31 दिसंबर 2019 तक के दर्ज मुकदमे वापस होने हैं. इसके लिए सरकार ने प्रत्येक जिलों में एक स्क्रीनिंग समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष संबंधित जिले के उपायुक्त व दो सदस्यों में एसएसपी/एसपी तथा लोक अभियोजक/ वरीय लोक अभियोजक बनाए गए हैं.
ऐसे में राज्य सरकार द्वारा पत्थलगड़ी के मामलों में दर्ज मुकदमों को वापस लेने की घोषणा से कुछ पत्थलगड़ी समर्थकों का दुस्साहस बढ़ा है. इसीका नतीजा है पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी में गत रविवार को पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा पत्थलगड़ी का विरोध करने वाले गुलीकेरा ग्राम पंचायत के उप मुखिया समेत सात ग्रामीणों की हत्या. पत्थलगड़ी आंदोलन की शुरुआत खूंटी से हुई थी.
बताया जाता है कि पत्थलगड़ियों के खिलाफ पहला मामला 24 जून 2017 को खूंटी थाना में दर्ज हुआ था. जिले के विभिन्न थानों में पत्थलगड़ी के कुल 21 मामले दर्ज हैं. इनमें बहुचर्चित कोचांग सामूहिक दुष्कर्म, पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा निजी बैंक खोले जाने एवं प्रशासनिक अधिकारियों को रात भर बंधक बनाने जैसे संगीन मामले भी शामिल हैं. पत्थलगड़ी को लेकर अब तक 45 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं, मास्टर माइंड यूसुफ पूर्ति व बबिता कच्छप समेत सौ से अधिक आरोपित फरार हैं.