झारखंड: एक कोरोना पीड़ित मिलने के बाद हिंदपीढ़ी में लगा कर्फ्यू, पूरे ईलाके को किया गया सील, जांच जारी
By एस पी सिन्हा | Published: April 1, 2020 05:34 PM2020-04-01T17:34:53+5:302020-04-01T17:41:41+5:30
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा दिया है कि लॉकडाउन को लेकर सरकार गंभीर है. लोग इसका सख्ती से पालन करें. बता दें कि झारखंड में कोरोना का पहला मामला रांची में सामने आया है. मलेशियाई महिला में नोवल कोरोना होने की पुष्टि हुई है.
रांची: कोरोना वायरस से संक्रमित एक महिला के सामने आने के बाद रांची में जिला प्रशासन के हाथ-पैर फूले हुए हैं. प्रशासन अब उनलोगों को चिह्नित करने में जुटा है, जो पीड़ित मलेशियाई महिला के संपर्क में आए हैं. शासन-प्रशासन से लेकर आम आदमी तक हर कोई कोरोना वायरस की महामारी को लेकर दहशत में आ गया है. खौफ का आलम यह है कि दिन में मामूली हलचल के बाद हर जगह सन्नाटा पसर गया है. इस बीच पुलिस ने रांची के हिंदपीढी इलाके को सील कर दिया है. रांची के हिंदपीढी में प्रशासन की ओर से कर्फ्यू लगा दिया गया है.
इसी सिलसिले में रांची डीसी राय महिमापत रे ने 16 मार्च 2020 को राजधानी एक्सप्रेस के बी1 कोच में सफर कर दिल्ली से रांची पहुंचने वालों को जल्द से जल्द जिला प्रशासन से संपर्क करने का आग्रह किया है. कोरोना जांच कराने की अपील भी की है. जानकारी के मुताबिक पीड़ित मलेशियाई महिला इसी ट्रेन से 16 मार्च को दिल्ली में चढ़कर 17 मार्च को रांची पहुंची थी. प्रशासन ने उस दिन बी1 कोच में सफर करने वाले यात्रियों से 1950 या 9431708333 पर जानकारी देने का आग्रह किया गया है. रांची डीसी ने बताया कि संक्रमित महिला ए-सिमटोपोटिक है, स्क्रीनिंग से संक्रमण की जानकारी नहीं मिल सकती थी. जानकारी मिलने के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा इस महिला को क्वॉरंटाइन फैसिलिटी में रखा गया. महिला की जांच कराई गई, जिसके बाद यह महिला कोरोना से संक्रमित पाई गई. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए हिंदपीढी थानाक्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है. किसी को आवश्यक वस्तुओं की जरूरत है, तो वे हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं.
वहीं, रांची एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि मस्जिद में पाये गये सभी 17 विदेशी नागरिकों पर फॉरेन एक्ट और वीजा रूल्स के तहत कार्रवाई की जाएगी. कोरोनो पॉजिटिव केस सामने आते ही पूरा हिंदपीढी ईलाके को सील कर दिया गया है. हिंदपीढी प्रवेश करने वाली सभी मार्गों को बैरिकेड कर दिया गया है. बैरिकेडिंग कर वहां आने वालों को रोका जा रहा, जो हिंदपीढी के हैं, उन्हें अंतिम बार घर लौटने की छूट दी गई है. मेन रोड से प्रवेश होने वाली सेंट्रल स्ट्रीट, मल्लाह टोली रोड और लेक रोड से जुड़ी सभी सडकों पर प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. इसके बाद हिंदपीढी नाला रोड स्थित जिस घर में मलेशियन महिलाएं रुकी थी, वहां सील कर दिया गया है. उस घर और पड़ोस के लोगों को क्वारंटाइन के लिए रिम्स भेज दिया गया है.
इसके बाद पूरे हिंदपीढी इलाके का प्रशासन ने सैनिटाइज कराया. हर तरफ सैनिटाइजर और ब्लीचिंग के छिड़काव कराए गए. हालांकि कोरोना पॉजिटिव का केस सामने आते ही पूरे हिंदपीढी में सन्नाटा पसर गया. लोग घरों में कैद हो गए हैं. कई घरों में दहशत का माहौल हो गया है. जिन-जिन घरों में मलेशियन रुके थे, वैसे घरों को पुलिस-प्रशासन की टीम चिह्नित कर रही है. ताकि वहां के लोगों का पुलिस-प्रशासन कोरोना वायरस से संबंधित जांच करा सके. बताया जा रहा है कि मलेशियन लोग जमात की शक्ल में रांची स्थित मक्का मस्जिद, मदीना मस्जिद और बडी मस्जिद इलाके में रह चुके हैं. उन्हीं इलाकों में उनकी गतिविधि रही है.
इसबीच, धनबाद के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के आसनबनी मस्जिद में रुके 10 इंडोनेशियाई मुस्लिम नागरिकों को पुलिस जांच के लिए ले गई. सभी को क्वारेंटाइन कर दिया गया है. सभी के पासपोर्ट जब्त कर लिये गये हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं, अब बोकारो जिला के चंद्रपुरा स्थित पिपराडीह मस्जिद में 14 बाहरी लोगों के ठहरे होने की सूचना है. चंद्रपुरा प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रहा है. सभी 14 लोगों को मस्जिद में ही रखा गया है. रिपोर्ट है कि इस मरकज के जमात में शामिल होने वाले 37 लोग 7 दिन पहले ही यानी 17-18 मार्च, 2020 को झारखंड के सभी 24 जिलों में पहुंच चुके हैं. रांची की विशेष शाखा ने 30 मार्च, 2020 को इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्तों और रांची, जमशेदपुर व धनबाद के एसएसपी, सभी एसपी (रेल सहित), विशेष शाखा के डीएसपी को मरकज से लौटे सभी 37 लोगों की सूची भेजी थी.
सूची में निजामुद्दीन स्थित मरकज के धार्मिक सम्मेलन में शरीक होकर लौटें सभी लोगों के नाम, पता समेत मोबाइल नंबर भी स्पेशल ब्रांच ने बता दिये थे. पदाधिकारियों से आग्रह किया गया था कि इन सभी लोगों का सत्यापन करते हुए इनकी कोविड-19 संक्रमण की जांच करवाई जाये और अपेक्षित कार्रवाई की जाये. स्पेशल ब्रांच ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि हजरत निजामुद्दीन से लौटे कथित धर्म प्रचारकों में सबसे ज्यादा 9 लोग धनबाद से हैं. राजधानी रांची से 03, जमशेपुर, चतरा व देवघर से दो-दो लोग गये थे, जबकि लातेहार, कोडरमा, खूंटी, जामताड़ा, हजारीबाग, गुमला, गोड्डा, गिरिडीह, गढवा, दुमका, बोकारो, पाकुड, पलामू, रामगढ, साहेबगंज, सिमडेगा, सरायकेला खरसावां व पश्चिमी सिंहभूम जिले से एक-एक व्यक्ति शामिल थे.
इस बीच रेल प्रशासन ने राजधानी एक्सप्रेस के बी1 कोच में सवार कुल 65 लोगों की लिस्ट और अन्य सूचनाएं रांची जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी है. कोच में कार्यरत सभी रेल कर्मचारियों मसलन, टीटीई, ओबीएचएस स्टाफ, कोच अटेंडेंट, खान-पान यान के कर्मचारी को होम क्वारंटाइन में रहने का निर्देश जारी किया है.
वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा दिया है कि लॉकडाउन को लेकर सरकार गंभीर है. लोग इसका सख्ती से पालन करें. बता दें कि झारखंड में कोरोना का पहला मामला रांची में सामने आया है. मलेशियाई महिला में नोवल कोरोना होने की पुष्टि हुई है. फिलहाल यह महिला खेलगांव स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है. इस महिला समेत 17 विदेशी नागरिकों को हिंदपीढी इलाके के मस्जिद से निकालकर प्रशासन ने खेलगांव स्थित आइसोलेशन वार्ड में भेजा था.