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Jharkhand: सीएम हेमंत सोरेन को लग सकता है झटका, निर्वाचन आयोग ने लाभ के पद मामले में सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की!, जानें

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 25, 2022 15:24 IST

Jharkhand: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परोक्ष रूप से केन्द्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आज देश का आम नागरिक हतोत्साहित है, हर वक्त सिर्फ राजनीतिक बिसात, राजनीतिक षड्यंत्र की बात हो रही है।

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ठळक मुद्देकेन्द्र सरकार से झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।।मुख्यमंत्री के बयान पर भाजपा के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने जवाबी हमला बोला।चुनाव आयोग ने सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की है।

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लग सकता है। लाभ के पद मामले में सीएम हेमंत सोरेन पर भारत निर्वाचन आयोग की राय झारखंड राजभवन को प्राप्त हो गई है। आयोग ने सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की है। मामले की जांच आयोग ने की थी। 

निर्वाचन आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को उस याचिका पर अपनी राय भेज दी है, जिसमें दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक खनन पट्टे का विस्तार अपने लिए करके चुनावी कानून का उल्लंघन किया है। याचिका में सोरेन को एक विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित किए जाने की मांग की गई है।

सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि आयोग ने अपनी राय आज सुबह सीलबंद लिफाफे में झारखंड के राजभवन को भेज दी। झारखंड के राज्यपाल ने इस मामले को आयोग को भेजा था। मामले में याचिकाकर्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है जिसने जन प्रतिनिधि कानून की धारा नौ ए का उल्लंघन करने के लिए सोरेन को अयोग्य ठहराने की मांग की है।

संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन के किसी सदस्य की अयोग्यता से संबंधित कोई मामला आता है तो इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा और उनका फैसला अंतिम होगा। उसमें कहा गया है, “ऐसे किसी भी मामले पर कोई निर्णय देने से पहले राज्यपाल निर्वचन आयोग की राय लेंगे और उस राय के अनुसार कार्य करेंगे।” ऐसे मामलों में चुनाव आयोग की भूमिका अर्द्धन्यायिक निकाय की तरह होती है।

लाभ के पद पर सीएम हेमंत सोरेन पर चुनाव आयोग की राय मिलने पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि मुझे अपने लिए किसी आदेश के बारे में अभी कुछ भी पता नहीं है। मैं इलाज के लिए एम्स गया था, राजभवन पहुंचने के बाद ही कुछ कह सकता हूं।

अनुच्छेद 192 के तहत अयोग्य ठहराने का फैसला राज्यपाल के अधिकार में होता है। सोरेन पर मुख्यमंत्री रहते खनन पट्टा खुद और अपने भाई को जारी करने का आरोप लगा है। यहां तक की उस समय खनन मंत्रालय सोरेन के पास था। निर्वाचन आयोग ने सीएम सोरेन की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की है। 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने सीएम सोरेन पर हमला किया है। दास ने कहा कि झारखंड ने झामुमो को बहुत उम्मीद और भरोसे के साथ चुना था, लेकिन जब से वे सत्ता में आए, उन्होंने राज्य के प्राकृतिक संसाधनों को लूटना शुरू कर दिया...आज जो हो रहा है उसके लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वह खुद सोरेन सरकार है। अपने ही कुकर्मों से संकट में है।

टॅग्स :चुनाव आयोगझारखंडहेमंत सोरेनBJP
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