झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को है जेल जाने का डर, संभावित संवैधानिक संकट को देखते हुए रणनीति बनाने में जुटे
By एस पी सिन्हा | Published: January 2, 2024 04:02 PM2024-01-02T16:02:09+5:302024-01-02T16:04:09+5:30
झारखंड में हुए कथित जमीन घोटाले की आंच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच गई है। इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी अब तक सात समन भेजकर मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए बुला चुका है, लेकिन वे ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए।
रांची: झारखंड में जारी सियासी खेल के बाद मुख्यमंत्री आवास में गतिविधियां तेज हो गई है। चर्चा है कि ईडी के सातवें समन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सकते में हैं और अपनी पत्नी कल्पना को गांडेय सीट से विधायक बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी देना चाहते हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री आवास में हेमंत सोरेन ने महाधिवक्ता को बुलाकर उनसे कानूनी पहलुओं की जानकारी ली है। उन्होंने महाधिवक्ता से वर्तमान हालात पर भी चर्चा की है। ईडी के अगले एक्शन और उसके बाद बदलने वाले राजनीतिक और संवैधानिक हालात पर भी चर्चा होने की खबर है।
सूत्रों के अनुसार ईडी के किसी तरह के एक्शन से पहले सारे राजनीतिक विकल्पों और संवैधानिक स्थिति को लेकर तैयारी की जा रही है। राज्य में किसी तरह का कोई संवैधानिक संकट न हो और राज्य में राजनीतिक स्थिरता बनी रहे उसकी तैयारी की जा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास पर झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल की अहम बैठक बुला ली है। इसकी अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे।
जानकारी के अनुसार यह बैठक बुधवार को शाम साढ़े चार बजे होगी। कहा जा रहा है कि इस बैठक में सभी विकल्पों पर चर्चा होगी और आगे की रणनीति और राजनीतिक कदम को लेकर फैसला लिया जाएगा। दरअसल, झारखंड में हुए कथित जमीन घोटाले की आंच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच गई है। इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी अब तक सात समन भेजकर मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए बुला चुका है, लेकिन वे ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए। 29 दिसंबर ही ईडी ने हेमंत सोरेन को सातवां समन भेजकर पूछा था कि वे पूछताछ के लिए कब और कहां उपलब्ध रहेंगे। लेकिन हेमंत सोरेन ने कोई जवाब नहीं दिया और ईडी की दो दिनों की डेडलाइन भी खत्म हो चुकी है। इस बीच, नए साल के पहले दिन ही गांडेय विधानसभा सीट से विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया था।
उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जब ऐसा लगा है कि वह जेल जाने के करीब हैं तो अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। इसके लिए गांडेय के झामुमो विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा कराया गया है। बाबूलाल ने कहा कि राज्य में एक बार फिर से संवैधानिक संकट उत्पन्न होने की स्थिति है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह पता है कि उनकी पत्नी अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ सकती हैं। इसलिए उन्होंने झामुमो विधायक से इस्तीफा करवाया है।
बाबूलाल ने महाराष्ट्र हाईकोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि झारखंड में विधानसभा चुनाव होने में एक साल से भी कम वक्त है और कोर्ट के उस आदेश के मुताबिक एक साल से कम समय रहने पर विधानसभा उपचुनाव कराया जाना असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अगर ऐसा निर्णय लेते हैं तो यह उनकी दूसरी बड़ी गलती होगी। अगर मुख्यमंत्री का ऐसा कोई भी प्रस्ताव आता है तो भाजपा राज्यपाल से मिलकर इस मामले में अटॉर्नी जनरल से सलाह लेने व विधि-सम्मत कदम उठाए जाने की मांग करेगी।