झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज आवंटन की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर हुआ मामला, सुनवाई 17 मई को होगी

By एस पी सिन्हा | Published: May 13, 2022 06:47 PM2022-05-13T18:47:15+5:302022-05-13T18:52:46+5:30

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज आवंटन के मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने आज सुनवाई की।

Jharkhand: Case filed in High Court demanding CBI probe into mining lease allocation of Chief Minister Hemant Soren, hearing will be held on May 17 | झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज आवंटन की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर हुआ मामला, सुनवाई 17 मई को होगी

फाइल फोटो

Highlightsझारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज आवंटन मामले में सुनवाई की याचिका में मांग की गई है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ इस मामले मे जांच सीबीआई करेचीफ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद ने मामले में सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख दी है

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज आवंटन के मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर आज सुनवाई की।

इस दौरान हेमंत सोरेन के करीबियों द्वारा शेल कम्पनी में निवेश मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान 17 मई की तिथी निर्धारित की गई।

इस मामले की सुनवाई अब स्पेशल बेंच करेगी। खंडपीठ के नहीं बैठने के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन माइंस लीज आवंटन मामले में पिछली बार सुनवाई नहीं हो सकी थी।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर पेश हुए सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि हाल के दिनों में एजेंसी ने राज्य में कार्रवाई की है। जिसमें कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिसे वह कोर्ट में पेश करना चाहते हैं।

इस पर अदालत ने उन्हें सील बंद लिफाफे में रजिस्ट्रार जनरल के यहां उक्त दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि झारखंड के समाचार पत्रों में हर दिन इस बात की खबरें आती हैं कि राज्य में अवैध खनन हो रहा है। न सिर्फ बालू, स्टोन चिप्स बल्कि कोयले के अवैध खनन की भी बातें भी सामने आ रही हैं, जो काफी चिंताजनक हैं।

इस मामले में रांची डीसी की ओर से शपथ पत्र दायर करने पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि इस मामले में खनन विभाग के कोई जिम्मेदार अधिकारी शपथ पत्र दायर करेंगे। अदालत ने सवाल उठाया कि क्या रांची उपायुक्त को खनन विभाग की सारी जानकारी है, जिसको देखते हुए उन्होंने शपथ पत्र दाखिल किया है।

इस दौरान राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस के अनुसार यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। जिस पर अदालत ने कहा कि उन्हें भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद अदालत ने 17 मई को इस मामले की सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। इस दिन मुख्यमंत्री द्वारा माइनिंग लीज दिए जाने के मामले की भी सुनवाई होगी।

मालूम हो कि याचिकाकर्ता शिवशंकर शर्मा ने झारखंड हाईकोर्ट में माइंस(खनन) लीज आवंटन मामले में जनहित याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री व खान मंत्री रहते हुए उन्होंने रांची जिले के अनगड़ा प्रखंड में 88 डिसमिल जमीन पर दिसंबर 2021 में स्टोन माइनिंग का लीज लिया है।

Web Title: Jharkhand: Case filed in High Court demanding CBI probe into mining lease allocation of Chief Minister Hemant Soren, hearing will be held on May 17

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