Jharkhand assembly seat sharing: झारखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर राजधानी रांची स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजपा और आजसू ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया। झारखंड में एनडीए के अंदर भाजपा- 68, आजसू-10, जदयू-2 और लोजपा(रा) एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री और झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि झारखंड में भाजपा, आजसू, जदयू और लोजपा(रामविलास) साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। हमलोग साथ में चुनाव प्रचार करेंगे। वहीं, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा, झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, आजसू प्रमुख सुदेश महतो भी मौजूद थे। हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि यह चुनाव हम पीएम के नेतृत्व में लड़ रहे हैं। सीट का चर्चा हो गई है और आगे भी चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के साथ झारखंड की भी पहली सूची केंद्रीय चुनाव समिति जारी करेगी। एक या दो दिनों में भाजपा पहली सूची जारी कर देगी। यह चुनाव यह चुनाव बाबूलाल मरांडी, सुदेश महतो, चंपई सोरेन और अमर बावरी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि झारखंड के सारे कार्यकर्ता हमारे बड़े नेता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, यह चुनाव बाद तय किया जाएगा।
हिमंता बिस्वा सरमा ने यह भी कहा कि महागठबंधन की ओर से उम्मीदवारों की सूची नहीं आई है। जब आएगी तो हो सकता है कि कुछ सीट को रोटेट किया जाए। उन्होंने कहा कि नामांकन के अंतिम दिन तक कुछ सीटों पर रोटेशन के रास्ते खुले हुए हैं। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 5 वर्षों में झारखंड की जनता को छला गया है। सभी ने ठगा महसूस किया है।
नौजवानों को इस राज्य में ठगा गया। अपने पिताजी का कसम खाकर हेमन्त सोरेन ने कहा था कि अगर 5 लाख नौकरी नहीं मिलेगी तो हम संन्यास ले लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विधानसभा में खड़े होकर बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी लेकिन आज तक नहीं मिला। लड़कियों को सोने का सिक्का देने की बात कही थी, नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि 2022 में दुष्कर्म के मामले में पूरे देश में झारखंड पहले स्थान पर रहा था। आदिवासियों के नाम पर केवल झारखंड में राजनीति की गई। सेवा की जमीन को भी फर्जी कागजात बनाकर बेच दिया गया। आज झारखंड की डेमोग्राफी बदल गई है। संभाल में 44 से घटकर आदिवासी अब केवल 28 फीसदी रह गए हैं।
आज आदिवासियों की चिंता बढ़ गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा केवल वोटबैंक की राजनीति कर रही है। हमें झारखंड के डेमोग्राफी की चिंता है। वहीं, आजसू के प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि हमने संयुक्त रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। राज्य की जनता दोनों दलों को एक साथ देखना चाहती है। 2019 में जिन्होंने कमान संभाला, वे तकलीफ दे रहे हैं।
सभी लोग इस तकलीफ से निजात चाहते हैं। जनता का समीकरण तैयार हो रहा है। निजी हित और स्वार्थ में शासन और विकास विलुप्त है। हमारी कोशिश है कि एनडीए की बड़ी जीत हो। बता दें कि झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं। आजसू को सिल्ली, रामगढ़, गोमिया, ईचागढ़, मांडू, जुगसलाई, डुमरी, पाकुड़, लोहरदगा और मनोहरपुर सीट दी गई हैं।
वहीं जदयू को जमशेदपुर पश्चिमी और तमाड़ सीट पर चुनाव लड़ना होगा तो चतरा की सीट लोजपा(रा) के खाते में गई है। बाकी बची सभी 68 सीटों पर भाजपा विधानसभा चुनाव में उतरेगी। हालांकि अभी कुछ सीटों को लेकर घटक दलों के बीच चर्चा जारी है। हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि भाजपा अपने कोटे की 68 सीटों में से 1 से 2 सीट पर कुछ अलग निर्णय भी ले सकती है।