झारखंड विधानसभा चुनाव: ये नेता हैं अपनी जीत के लिए आश्वस्त, चुनावी मैदान में नहीं खाई है पटखनी!

By एस पी सिन्हा | Published: September 21, 2019 09:03 PM2019-09-21T21:03:59+5:302019-09-21T21:04:31+5:30

2014 तक लागातार पांच चुनाव जीतने का रिकॉर्ड नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के नाम भी दर्ज है. इन्होंने 1996 के उपचुनाव से जीत का सिलसिला शुरू किया था जो अब तक जारी है. 

Jharkhand Assembly Elections: These leaders are confident of their victory, they have not eaten till date in the electoral arena! | झारखंड विधानसभा चुनाव: ये नेता हैं अपनी जीत के लिए आश्वस्त, चुनावी मैदान में नहीं खाई है पटखनी!

2014 तक लागातार पांच चुनाव जीतने का रिकॉर्ड नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के नाम भी दर्ज है.

Highlightsराज्य के पांचों प्रमंडल में इस लिस्ट में सिर्फ तीन नेताओं ने यह उपलब्धि हासिल की है. तमाम विधानसभा चुनाव में नलिन सोरेन ने जीत दर्ज की.

चुनावी रणभेरी बजते हीं झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टी से लेकर जनता तक में सक्रियता काफी बढ़ गई है. झारखंड में कई ऐसे नेता हैं जो पिछले कई चुनावों से जीतते हीं आ रहे है. इन नेताओं में नलिन सोरेन, रघुवर दास और सीपी सिंह का नाम लिया जाता, जो झारखंड में लगातार पिछले 5 चुनावों से जीतते आ रहे हैं.

वैसे किसी भी नेता का राजनीतिक कद, संबंधित क्षेत्र की जनता के बीच उसकी पकड़ के आधार पर आंकना चाहिए. यही वजह है कि कई ऐसे नेता होते हैं जो बतौर निर्दलीय भी चुनाव जीतते हैं. राज्य के पांचों प्रमंडल में इस लिस्ट में सिर्फ तीन नेताओं ने यह उपलब्धि हासिल की है. 

पहला नाम आता है नलिन सोरेन का झामुमो के कद्दावर नेता हैं नलिन सोरेन दुमका के शिकारीपाडा सीट पर इनकी जबर्दस्त पकड़ है. नलिन सोरेन पिछले छह चुनाव लगातार जीतते आ रहे हैं. इन्होंने सबसे पहले 1985 के चुनाव में शिकारीपाड़ा से बतौर निर्दलीय अपनी दावेदारी पेश की थी. तब झामुमो के डेविड मुर्मू से बडे अंतर से हार गए थे. पांच साल इंतजार के बाद जब 1990 में चुनाव हुआ तो झामुमो ने नलिन सोरेन को अपना सारथी बना लिया.

तब से अब तक हुए तमाम विधानसभा चुनाव में नलिन सोरेन ने जीत दर्ज की. 1990, 1995, 2000 और 2005 के बाद इनको पहली चुनौती मिली 2009 में झाविमो के पारितोष सोरेन से. हालांकि नलिन सोरेन यह चुनाव महज 1,003 वोट से जीते, लेकिन 2014 के चुनाव में झाविमो के पारितोष सोरेन कहीं नहीं टिके.

उसी तरह से मुख्यमंत्री रघुवर दास का जमशेदपुर पूर्वी सीट पर 1995 से इनका कब्जा है. पहले चुनाव में कांग्रेस के केपी सिंह से कांटे की टक्कर हुई थी. इसके बाद रघुवर दास कभी पीछे मुड़कर नहीं देखे और 2014 का चुनाव जीतकर लगातार पांचवी जीत अपने नाम की. 

इस जीत के साथ रघुवर दास सूबे के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री भी बने. इससे पहले रघुवर दास झारखंड के उप मुख्यमंत्री और मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, 2014 तक लागातार पांच चुनाव जीतने का रिकॉर्ड नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के नाम भी दर्ज है. इन्होंने 1996 के उपचुनाव से जीत का सिलसिला शुरू किया था जो अब तक जारी है. 

पलामू से आकर रांची में अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले सीपी सिंह रांची विधानसभा क्षेत्र में बेहद चर्चित हैं. आम लोगों से सीधा जुड़ाव इनकी प्रसिद्धि का कारण है. भाजपा के समर्पित नेता होने के नाते मंत्री बनने से पहले इन्हें झारखंड का स्पीकर बनने का भी सौभाग्य मिला है.

Web Title: Jharkhand Assembly Elections: These leaders are confident of their victory, they have not eaten till date in the electoral arena!

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