झारखंड: कौन बनेगा मुख्यमंत्री? महागठबंधन में है सिर फुटौव्वल की स्थिति

By एस पी सिन्हा | Published: September 6, 2019 08:10 PM2019-09-06T20:10:19+5:302019-09-06T20:10:19+5:30

यहां अभी विधानसभा चुनाव की घोषणा भी नहीं हुई है और महागठबंधन अभी मूर्त रूप लिया भी नहीं है कि इसके नेता अर्थात 'कौन बनेगा मुख्यमंत्री' के नाम पर विपक्षी पार्टियों में घमासान मच गया है.

Jharkhand Assembly Elections 2019: Who will be the Chief Minister? | झारखंड: कौन बनेगा मुख्यमंत्री? महागठबंधन में है सिर फुटौव्वल की स्थिति

झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता हेमंत सोरेन की फाइल फोटो। (Image Source: Facebook/@HemantSorenJMM)

झारखंड में यह कहावत चरितार्थ होने लगी है 'गाछे कटहल, होंठे तेल.’ अर्थात  कटहल अभी पेड़ पर ही है कि अपने ओंठ में तेल लगाया जा रहा है ताकि उसका लस्सा ओंठ में ना सटे. यही हाल झारखंड विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया अभी शुरू होने से पहले हो गया है. यहां अभी विधानसभा चुनाव की घोषणा भी नहीं हुई है और महागठबंधन अभी मूर्त रूप लिया भी नहीं है कि इसके नेता अर्थात 'कौन बनेगा मुख्यमंत्री' के नाम पर विपक्षी पार्टियों में घमासान मच गया है.

यहां उल्लेखनीय है कि विपक्षी पार्टियों ने यह एलान किया था कि भाजपा के विरोधी वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए सभी को एक मंच पर आना होगा. लेकिन उनकी इस कोशिश को तब गहरा झटका लगा, जब कांग्रेस के नए प्रदेश अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव ने ’बदलाव यात्रा’ पर निकले झामुमो नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेता की दावेदारी को एक सिरे से खारिज कर दिया. कांग्रेस उन्हें झारखंड के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करने से इंकार कर रही है. ऐसे में अभी यह तय नही हो पाया है कि विपक्षी महागठबंधन किसे मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ेगा?

इस तरह से झारखंड प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अरमानों पर पानी फेर दिया है, जिसमें वह खुद को झारखंड के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करते चल रहे हैं. रामेश्वर उरांव ने साफ कहा है कि महागठबंधन का नेता अब तक घोषित नहीं किया गया है. झारखंड में महागठबंधन के स्‍वरूप पर अभी बातचीत बाकी है. यही नहीं, अभी सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद है. ऐसे में विपक्ष की ओर से मुख्यमंत्री के स्वाभाविक दावेदार माने जा रहे हेमंत सोरेन के लिए यह बड़े झटके के रूप में माना जा रहा है. 

डॉ उरांव ने साफ कहा कि महागठबंधन किसे मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ेगा यह अभी तय नहीं है. विपक्षी दलों से रायशुमारी के बाद ही इस पर फैसला होगा. यही नही कांग्रेस के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को महागठबंधन का नेता बनाए जाने के सवाल को भी टाला जा रहा है.

वहीं, चुनाव से पहले कांग्रेस में टूट की चर्चाओं के बीच भाजपा में शामिल होने जा रहे कुछ विधायकों पर तंज कसते हुए पार्टी ने कहा कि जाने वालों को कौन रोक पाया है? ऐसे में विधानसभा चुनाव को लेकर बदलाव की तैयारियों में जुटा झारखंड मुक्ति मोर्चा महागठबंधन की अगुआई को लेकर भले ही आश्‍वस्‍त दिख रही हो, लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष के बयान ने हेमंत सोरेन समेत सभी छोटे-बडे नेताओं को असहज कर दिया है. हेमंत सोरेन को महागठबंधन में मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करने पर असहमति के सुर पर झामुमो ने कांग्रेस पार्टी को आलाकमान का आइना दिखाया. 

हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राहुल गांधी के जमाने की एक चिट्ठी का हवाला देते हुए सब कुछ लोकसभा चुनाव में ही तय हो जाने की बात कही है. दरअसल बीते लोकसभा चुनाव में सीटो के बंटवारे के दौरान दिल्‍ली में झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लड़ने संबंधी लिखित प्रस्ताव को झामुमो ने हथियार बनाया है. कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी के जमाने की चिट्ठी को सार्वजनिक कर कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के भी इस पर हस्ताक्षर हैं.

इस तरह तमाम नेताओं के हस्‍ताक्षर से जारी इस संयुक्त प्रस्ताव को आगे कर झामुमो महागठबंधन का नेतृत्‍व करने की वकालत कर रहा है. झामुमो की ओर से कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन विपक्षी दलों के नेताओं के लगातार संपर्क में हैं. महागठबंधन के मसले पर जल्‍द ही सबकुछ तय हो जाएगा. वहीं, महागठबंधन में वाम पार्टियों को भी शामिल किया जाएगा या फिर लोकसभा चुनाव की तरह उन्‍हें किनारे कर दिया जाएगा.

इस पर भी जल्‍द फैसला होने की उम्‍मीद है. वामपंथियों के वजूद को पिछली बार भी महागठबंधन के नेताओं ने स्‍वीकारा था. लेकिन उन्‍हें तरजीह नहीं दी गई थी. भाजपा विरोधी वोटों का बिखराव रोकने के सवाल पर इस बार वामपंथी भी महागठबंधन से बुलावे की आस में हैं. उनके नेता कई सीटों पर अपनी दावेदारी जताते हुए चुनावी तैयारियों में पूरी ताकत से जुटे होने का दम भर रहे हैं. लेकिन अभी भी यह धरातल पर नही उतरा है.

उधर, भाजपा एक बार फिर से झारखंड की सत्‍ता पर काबिज होने की पुरजोर कोशिश में जुटी है. भाजपा ने मुख्‍यमंत्री रघुवर दास फिर से मुख्यमंत्री के रूप में घोषित कर झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पहले भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह, फिर कार्यकारी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा और फिर भाजपा के चुनाव प्रभारी राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष ओम माथुर ने रघुवर दास को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने और उनके नेतृत्‍व में चुनाव लड़ने के फैसले पर मुहर लगा दी. बूथ लेवल तक कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज और मजबूत संगठन के दम पर भाजपा के नेता इस बार 65 प्‍लस सीटों के लक्ष्‍य पर काम कर रहे हैं. वहीं, इस बार के झारखंड विधानसभा चुनाव में घर-घर मोदी की तर्ज पर हर घर रघुवर अभियान भी भाजपा की ओर से छेड़ने की तैयारी की जा रही है.

Web Title: Jharkhand Assembly Elections 2019: Who will be the Chief Minister?

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