झारखंड विधानसभा चुनाव: हेमंत सोरेन का आरोप, रघुवर दास सरकार की 'विफलताओं' से ध्यान हटाने के लिए उठा अनुच्छेद 370 का मुद्दा

By भाषा | Published: September 22, 2019 05:02 PM2019-09-22T17:02:37+5:302019-09-22T17:02:37+5:30

झारखंड विधानसभा चुनाव: झामुमो, कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) और राष्ट्रीय जनता दल ने इस साल के शुरू में गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन 14 में से सिर्फ दो ही सीटें जीत सके थे।

Jharkhand assembly election: Hemant Soren's charge, article 370 raised to divert attention from 'failures' of Raghuvar Das government | झारखंड विधानसभा चुनाव: हेमंत सोरेन का आरोप, रघुवर दास सरकार की 'विफलताओं' से ध्यान हटाने के लिए उठा अनुच्छेद 370 का मुद्दा

राज्य विधानसभा चुनाव के लिये प्रचार के दौरान अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे को उठाना और कुछ नहीं बल्कि झारखंड में राज्य सरकार की बड़ी विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाने की भाजपा की चाल है।’’

Highlightsसोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) चुनाव प्रचार में जनता के मुद्दों को उठाएगाझारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘जिस तरह काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा का अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का मुद्दा उठाना रघुवर दास सरकार की ‘बड़ी विफलताओं’ से जनता का ध्यान भटकाने का हथकंडा है।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह तीखा हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के राज्य में जनसभा को संबोधित करने के दौरान उपलब्धियां गिनाते वक्त राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने का उल्लेख करने के बाद किया है।

सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) चुनाव प्रचार में जनता के मुद्दों को उठाएगा और वादा किया कि अगर चुनाव के बाद उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो निजी नौकरियों में झारखंड के युवाओं के लिये 75 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करेगी। उन्होंने पीटीआई को दिये गए एक साक्षात्कार में कहा कि अगर झामुमो सरकार बनाता है तो वह एक साल में पांच लाख लोगों को रोजगार देना सुनिश्चित करेगा।

साथ ही बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा, 25 करोड़ रुपये तक की निविदा राज्य के लोगों के लिये सुनिश्चित करेगी, नौकरियों में महिलाओं के लिये 50 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 27 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। भाजपा के आक्रामक तरीके से जम्मू कश्मीर में लागू होने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने और राष्ट्रवादी भावनाओं को उभारने के बारे में पूछे जाने पर सोरेन ने कहा कि जो सरकार आर्थिक और सामाजिक संकटों समेत महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करने में विफल रहती है वह समाज में ‘जबर्दस्त ध्रुवीकरण’ पैदा करने का सहारा लेती है।

झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘जिस तरह काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती, उसी तरह भाजपा लोगों को हमेशा मूर्ख नहीं बना सकती। राज्य विधानसभा चुनाव के लिये प्रचार के दौरान अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे को उठाना और कुछ नहीं बल्कि झारखंड में राज्य सरकार की बड़ी विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाने की भाजपा की चाल है।’’

उन्होंने कहा कि मोदी पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकाने को निशाना बनाकर वायु सेना द्वारा किए गए हमले के बाद पैदा हुई राष्ट्रवादी भावनाओं के बल पर भले ही लोकसभा चुनाव में राजग की जीत सुनिश्चित करने में सफल रहे हों, लेकिन झारखंड के लोग इस ‘उदासीन’ राज्य सरकार से ऊब चुके हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता से बाहर करने का इंतजार कर रहे हैं।

पिछले हफ्ते, केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने झारखंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द करके पाकिस्तान को अपनी जगह दिखा दी है और यह स्थापित किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

इससे पहले, मोदी ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करके जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के सरकार के कदम का रांची में उल्लेख किया था यह पूछे जाने पर कि क्या विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों का महागठबंधन बनाया जाएगा, तो इसपर सोरेन ने कहा कि उनकी पार्टी का एकमात्र उद्देश्य झारखंड के 3.5 करोड़ लोगों को ‘असंवेदनशील’ भाजपा सरकार से मुक्त करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस उद्देश्य के लिए, हम भाजपा और इसकी विभाजनकारी नीतियों से सामूहिक रूप से लड़ने के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों के साथ समन्वय करने के लिए तैयार हैं। झारखंड को अलग राज्य बनाने की लड़ाई में झामुमो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और यदि जरूरत पड़ी, तो फिर से संघर्ष करेंगे ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि झारखंड देश के मानचित्र पर चमके।’’ झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के 44 वर्षीय पुत्र ने कहा, ‘‘समूचे विपक्ष की एक बैठक पहले ही हो चुकी है और एक बार जब मैं 'बदलाव यात्रा' पूरी कर लूं, तो फिर मैं सभी पार्टी के नेताओं के साथ बैठूंगा।’’

झामुमो, कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) और राष्ट्रीय जनता दल ने इस साल के शुरू में गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन 14 में से सिर्फ दो ही सीटें जीत सके थे। झामुमो के कांग्रेस के नेतृत्व में आम चुनाव लड़ने और राज्य विधानसभा चुनाव झामुमो के नेतृत्व में लड़े जाने को लेकर बनी समझ का उल्लेख करते हुए सोरेन ने कहा कि लोकसभा और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए दोनों दलों के वरिष्ठतम नेतृत्व ने इस बारे में निर्णय लिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, झारखंड में अपने राज्य नेतृत्व सहित कांग्रेस नेतृत्व को इस प्रतिबद्धता को ध्यान में रखना चाहिए, खासकर जब वे मीडिया में सार्वजनिक बयान या टिप्पणी करते हैं। मैं इस संबंध में उनसे बहुत अधिक जिम्मेदारी की उम्मीद करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरे उतरे हैं और फिर से दोहराएंगे कि हम भाजपा के साथ मिलकर लड़ने के लिए तैयार हैं।’’ यह पूछने पर कि क्या महागठबंधन बनाने में देरी से भाजपा को बढ़त मिल रही है, तो इसपर सोरेन ने कहा कि झारखंड में भगवा पार्टी बैकफुट पर है। 

Web Title: Jharkhand assembly election: Hemant Soren's charge, article 370 raised to divert attention from 'failures' of Raghuvar Das government



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