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झाबुआ उपचुनाव: बागी कल्याण सिंह बने BJP के लिए मुसीबत, जोसेफ ने कांग्रेस को दी राहत, दोनों पार्टियों का सीधा मुकाबला

By राजेंद्र पाराशर | Updated: October 4, 2019 18:38 IST

झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव के लिए नामांकन वापसी के बाद पांच प्रत्याशी मैदान में शेष रहे हैं. नामांकन वापसी के अंतिम दिन तक भाजपा ने अपने जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में उतरने वाले कल्याण सिंह डामोर को मनाने का पूरा प्रयास किया, मगर बात नहीं बनी. 

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ठळक मुद्देमध्यप्रदेश में झाबुआ विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले उपचुनाव में भाजपा के लिए पार्टी से इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में उतरे कल्याण सिंह डामोर मुसीबत बन गए हैं. प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से लेकर कई नेताओं के मनाने के बाद भी उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया, बल्कि मैदान में डटे हैं.

मध्यप्रदेश में झाबुआ विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले उपचुनाव में भाजपा के लिए पार्टी से इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में उतरे कल्याण सिंह डामोर मुसीबत बन गए हैं. प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से लेकर कई नेताओं के मनाने के बाद भी उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया, बल्कि मैदान में डटे हैं. वहीं कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि जोसेफ माल ने अपना नामांकन वापस ले लिया है.

झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव के लिए नामांकन वापसी के बाद पांच प्रत्याशी मैदान में शेष रहे हैं. नामांकन वापसी के अंतिम दिन तक भाजपा ने अपने जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में उतरने वाले कल्याण सिंह डामोर को मनाने का पूरा प्रयास किया, मगर बात नहीं बनी. 

आखिरकार कल्याण सिंह मैदान में डटे हैं, जिसके चलते भाजपा की मुसीबत बढ़ गई है. कल्याण सिंह भाजपा के प्रत्याशी भानू भूरिया के राह में रोड़ा बन सकते हैं, इस बात को लेकर झाबुआ के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता चिंतित हैं एवं संगठन को वे पहले ही इससे अवगत कर चुके हैं. 

डामोर पार्टी द्वारा भानू भूरिया को प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर नाराज थे. पहले उन्होंने जिला अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दिया और फिर उसके बाद मैदान में उतरने का फैसला किया. संगठन को इस बात की उम्मीद थी कि समय रहते वे कल्याण सिंह को मना लेंगे, मगर नामांकन वापसी के अंतिम दिन भी जब प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के सारे प्रयास असफल हो गए तो अब पार्टी डामोर के मैदान में रहने पर होने वाले संभावित नुकसान का आकलन कर रही है.

जोसेफ माल ने अपना नामांकन वापस ले लिया

भाजपा की ही तरह कांग्रेस में भी प्रत्याशी चयन के बाद विरोध के स्वर मुखिरत हुए थे. कांग्रेस में जोसेफ माल ने कांतिलाल भूरिया को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद मैदान में उतरने का फैसला कर लिया था और उन्होंने भी नामांकन भर दिया था, मगर समय रहते कांग्रेस जोसेफ को मनाने में सफल हो गई. वहीं पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा को भी कांग्रेस ने मनाने में सफलता पाई है. हालांकि कांग्रेस को अब भी चिंता इस बात की है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता और कार्यकर्ता भूरिया के समर्थन में मैदान में उतरते हैं या नहीं. खासकर वन मंत्री उमंग सिंघार से पार्टी प्रत्याशी परेशानी हो सकती है. हालांकि कांग्रेस को आदिवासी युवा संगठन जयस का समर्थन मिल रहा है, जिसके चलते उसकी कुछ परेशानी तो कम हुई है.

प्रतिष्ठा के बीच रोचक हुआ मुकाबला

झाबुआ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है, लेकन भाजपा के बागी कल्याण सिंह डामोर के मैदान में डटे रहने से मुकाबला रोचक हो गया है. दोनों ही दलों के उम्मीदवारों का राजनीतिक भविष्य भी इस चुनाव पर टिका हुआ है. इसके साथ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दावा ठोकने वाले कल्याण सिंह के मैदान में आने से मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है. उन्होंने भाजपा की चिंता को बढ़ा दिया है. भाजपा नेता अब डामोर को लेकर ज्यादा चिंतित हैं और उनके मैदान में होने पर पार्टी प्रत्याशी को होने वाले नुकसान का आकलन भी वे कर रहे हैं.

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