दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लगातर बिहार और पूर्वांचलियों के लोगों के खिलाफ आ रहे बयान के बीच जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष दयानन्द राय के नेतृव्य में जनता दल यूनाइटेड लड़ाई लड़ेगा। दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिहार और वहां के लोगो प्रति एक बेहद अपमानजनक बात कही है। उनका कहना है कि दिल्ली को बनाने में बिहार और पूर्वांचल के मजदूरों और होनहारों ने अपने काँधे बोझ उठाया कभी किसी पर बोझ न बने उनके प्रति दिल्ली के मुख्यमंत्री का घृणास्पद बयान ये दर्शाता है कि वो सत्ता के नशे में आम जनता और मानवीय मूल्यों की तिलांजलि दे चुके हैं।
दयानन्द राय ने कहा 'हम उनसे माफी की उम्मीद इसलिए नहीं करते है क्योंकि माफीनामा मुख्यमंत्री इनका एक अलग नाम है। पहले ये गलती करेंगे फिर माफी मांग लेंगे ये इनकी एक अजीब फितरत है । इसके ये मास्टर हैं । इसलिए माफी से काम नहीं चलेगा । इनको दिल्ली की जनता फैसला सुनाएगी।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा 'केजरीवाल का ये बयान इस बात का सबूत है कि आने वाले विधामसभा चुनाव में उनको हार का डर बेहद सता रहा है। बिहार के वासियों ने हमेशा दिल्ली में एक सुशासन की राजनीति को आगे बढ़ाया। केजरीवाल घृणा की राजनीति को देश की राजधानी में हवा दे रहे हैं दिल्ली विधानसभा के चुनाव नजदीक है और जिस तरह जनता दल यूनाइटेड दिल्ली के हर विधामसभा में मज़बूत होते जा रही है उससे अरविंद केजरीवाल जी की बौखलाहट बढ़ती जा रही है ।'
जब माननीय उच्च न्यायलय ने केजरीवाल सरकार के इस पक्ष को कि दिल्ली में सिर्फ दिल्ली का वोटर ही इलाज करा सकता है को खारिज़ यह कहते हुए किया था इलाज कोई भी देश का नागरिक दिल्ली के अस्पतालों में करा सकता है । अब केजरीवाल जी आखिर ऐसा क्यों कह रहे हैं कि बिहार के लोग 500 का टिकट कटा कर दिल्ली आ जाते हैं । क्या उनको नहीं पता दिल्ली देश की राजधानी है इसपर सारे देशवासियों का हक़ है और इलाज मानवीय मूल्यों के प्रति एक जिम्मेदारी है । क्या केजरीवाल सत्ता की बौखलाहट में सारे मानवीय मूल्यों की तिलांजली दे चुके हैं । संविधान जीवन जीने का अधिकार और इसकी सुरक्षा की गारंटी देता है ।
इलाज का मकसद स्वस्थ्य जीवन प्रदान करना है। मुख्यमंत्री केजरीवाल सार्वजनिक रूप में अपने संवैधानिक पद की गरिमा और कर्तव्यों की धज्जी ये कह कर उड़ा रहे हैं कि बिहार के लोग 500 रुपये का टिकट कटा कर दिल्ली आ जाते हैं । जरा केजरीवाल जी बताएं वो कितने का टिकट कटा कर दिल्ली आए थे और क्या करने आये थे । दिल्ली ने उन्हें अपना ताज दिया बाकी लोग अब दिल्ली नहीं आएंगे ये केजरीवाल कौन होते हैं तय करने वाले ।
केजरीवाल ये सब सत्ता, घृणा और आने वाले चुनाव में बुरी तरह से हारने के डर से बड़बड़ा रहे हैं। दिल्ली की जनता उन्हें इस बार 50 रुपये का टिकट कटा कर जरूर वापस भेज देगी ।