पटना: उत्तर प्रदेश चुनाव में केंद्रीय मंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी ही पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे. जदयू की ओर से शुक्रवार को जारी स्टार प्रचारकों की सूची में इन दोनों का नाम नहीं है.
जदयू की ओर से 15 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गई है. इसमें पहले नंबर पर पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह सहित केसी त्यागी, उपेन्द्र कुशवाहा, रामनाथ ठाकुर, एमएस कुशवाहा, गुलाम रलूस बलियावी, हर्षवर्धन सिंह, रविन्द्र प्रसाद सिंह, अनुप सिंह पटेल, आरपी चौधरी, सुरेन्द्र त्यागी, संजय कुमार, भरत पटेल, संजय दांगर और केके त्रिपाठी का नाम शामिल है.
बहरहाल, आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार का नाम नहीं होना, राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है. यह पहले से माना जा रहा था कि आरसीपी खुद को यूपी चुनाव से अलग रखेंगे.
आरसीपी सिंह का नाम क्यों नहीं हुआ शामिल?
दरअसल पार्टी ने यूपी में भाजपा के साथ गठबंधन के लिए आरसीपी सिंह को जिम्मेवारी दी गई थी, लेकिन सीटों को लेकर किसी प्रकार की साझेदारी नहीं हो सकी. इसको लेकर अध्यक्ष ने उनसें स्पष्टीकरण की भी मांग की थी.
ललन सिंह ने आरसीपी से कहा था कि वह आकलन करें कि यूपी में कितनी ईमानदारी के साथ जदयू को भाजपा का ऑफर था. ललन ने कहा था कि आरसीपी ने जो कहा वह हम मानते रहे. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह ने यह बताया था कि सीट शेयरिंग को लेकर सकारात्मक बातचीत हो रही है. इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में यह बयान दिया कि यूपी में उनका गठबंधन अपना दल व संजय निषाद की पार्टी से है. हमारे लिए यह चौंकाने वाला था.
वहीं, यूपी में भाजपा के साथ साठगांठ कराने में विफल रहे आरसीपी सिंह को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अब तक चुप्पी साध रखे हैं. ऐसे में राजनीति के जानकारों का कहना है कि यूपी में भाजपा के खिलाफ बोलना जदयू के लिए आसान नहीं है. जबकि दल के अंदर भी आरसीपी सिंह अलग थलग हो चुके हैं. जदयू यूपी में भाजपा से 51 सीटें मांग रही थी.