साल में कम से कम 100 दिन परिवार के साथ रहेंगे जवान, गृहमंत्री शाह के आदेश पर समिति का गठन

By भाषा | Published: November 8, 2019 07:04 PM2019-11-08T19:04:30+5:302019-11-08T19:04:30+5:30

सात सदस्यीय समिति का नेतृत्व सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) अतुल करवाल करेंगे। समिति को बृहस्पतिवार को अधिसूचित कर दिया गया और उससे अपनी सिफारिशें चार सप्ताह के भीतर देने को कहा गया है। समिति में सभी सीएपीएफ से एक एक अधिकारी हैं।

Jawans will be with family for at least 100 days in a year, committee formed on the orders of Home Minister Shah | साल में कम से कम 100 दिन परिवार के साथ रहेंगे जवान, गृहमंत्री शाह के आदेश पर समिति का गठन

समिति जवानों के साथ ही बटालियनों और कंपनियों की तैनाती के सभी पहलुओं पर गौर करेगी।

Highlightsगृह मंत्री को गत सितम्बर में सीएपीएफ के कामकाज के बारे में एक प्रस्तुति मंत्रालय में दी गई थी। उन्होंने निर्देश दिया था कि इन बलों के जवानों की तैनाती की जानकारी ‘‘डिजिटलीकृत’’ की जाए।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस निर्देश के क्रियान्वयन के लिए केंद्र की ओर से एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की गई है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के करीब सात लाख जवानों को वर्ष में कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ बिताने को मिलने चाहिए।

सात सदस्यीय समिति का नेतृत्व सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) अतुल करवाल करेंगे। समिति को बृहस्पतिवार को अधिसूचित कर दिया गया और उससे अपनी सिफारिशें चार सप्ताह के भीतर देने को कहा गया है। समिति में सभी सीएपीएफ से एक एक अधिकारी हैं।

पिछले महीने शाह ने सीएपीएफ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि करीब सात लाख जवानों को वर्ष में कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ बिताने को मिलें। गृह मंत्री को गत सितम्बर में सीएपीएफ के कामकाज के बारे में एक प्रस्तुति मंत्रालय में दी गई थी। उसके बाद उन्होंने निर्देश दिया था कि इन बलों के जवानों की तैनाती की जानकारी ‘‘डिजिटलीकृत’’ की जाए।

समिति को दो बिंदु का विचारार्थ विषय दिया गया है:

1.यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक जवान वर्ष में कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ बिता सके, उनकी तैनाती के डिजिटलीकरण के लिए एक साफ्टवेयर डिजाइन किया सकता है।

2. उपरोक्त (बिंदु संख्या 1) उद्देश्य को प्रभावी बनाने के लिए सेवा शर्तों या बल की मानक संचालन प्रक्रियाओं में कोई बदलाव, यदि हो तो।’’ एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘समिति जवानों के साथ ही बटालियनों और कंपनियों की तैनाती के सभी पहलुओं पर गौर करेगी।’’

सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और असम राइफल आते हैं। योजना जब लागू हो जाएगी तब उम्मीद है कि जवानों को उनके गृहनगर या उनके परिवार के पास की यूनिट में तैनात किया जाएगा और जब कोई परिचालन अनिवार्यता नहीं होगी तब वे अपने परिवार के पास जाकर समय बिता सकेंगे।

इसे हासिल करने के लिए बलों के प्रमुखों से कहा गया है कि वे अपने अतिरिक्त मानवबल की एक रिपोर्ट तैयार करें जिससे सीएपीएफ की समग्र तैनाती प्रभावित नहीं हो। पिछले वर्ष सीमा सुरक्षा बल के पूर्व प्रमुख के के शर्मा ने कहा था कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को साल में औसतन ढाई महीने (करीब 75 दिन) ही परिवार के साथ रहने को मिलता है और यदि 30 साल का सेवाकाल माना जाए तो मात्र पांच साल ही वे नौकरी के दौरान परिवार के साथ बिताते हैं। 

Web Title: Jawans will be with family for at least 100 days in a year, committee formed on the orders of Home Minister Shah

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