जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने लिया फैसला, सरकार की वादाखिलाफी को लेकर शुरू करेंगे मुहिम
By भाषा | Published: March 27, 2019 06:28 AM2019-03-27T06:28:45+5:302019-03-27T06:28:45+5:30
मंगलवार को भिवानी जाट धर्मशाला में यशपाल मलिक गुट की जाट आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक हुई। बैठक में जिला पदाधिकारियों ने भाग लिया और बैठक की अध्यक्षता समिति के राष्ट्रीय महासचिव अशोक बलहारा ने की।
लोकसभा चुनावों के दंगल में नेताओं के साथ-साथ जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सक्रियता दिखाते हुए इस बार चुनावों में सरकार के खिलाफ आंदोलन की बजाय मुहिम चलाने का फैसला लिया है। भिवानी पहुंचे समिति के राष्ट्रीय महासचिव अशोक बल्हारा ने बताया कि ये मुहिम सरकार के खिलाफ वोट की चोट होगी।
मंगलवार को भिवानी जाट धर्मशाला में यशपाल मलिक गुट की जाट आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक हुई। बैठक में जिला पदाधिकारियों ने भाग लिया और बैठक की अध्यक्षता समिति के राष्ट्रीय महासचिव अशोक बलहारा ने की। इस बैठक में आरक्षण को लेकर एवं आरक्षण के दौरान बने मुकदमों को लेकर चर्चा करते हुए सरकार के खिलाफ मुहिम चलाने पर फैसला लिया गया।
बल्हारा ने कहा कि सरकार ने कई बार वादाखिलाफी की है। इस वादाखिलाफी के विरोध में अब लोकसभा चुनावों में हम आंदोलन की बजाय सरकार के खिलाफ मुहिम शुरु करेंगे। उन्होंने सरकार पर प्रदेश में लोगों को जातीय आधार पर बांटकर भाईचारा खराब करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि हमारी योजना गांवों में 36 बिरादरी के लोगों को एकत्रित कर सरकार के खिलाफ वोट की चोट मुहिम शुरू करने की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि जाट समाज को केन्द्र में ओबीसी तथा प्रदेश में बीसीबी में आरक्षण दिया जाएगा और आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।
बल्हारा ने कहा कि आज तक एक भी वादा पूरा नहीं किया गया। ऐसे में अब समिति सरकार या नेताओं से नहीं मिलेगी बल्कि सरकार को खुद अपने वादे पूरे करने होंगे।