कान्हा के जन्म लेते ही झूमे श्रद्धालु, बोले- नन्द घर आनंद भयो...जय कन्हैया लाल की
By रामदीप मिश्रा | Published: September 4, 2018 12:04 AM2018-09-04T00:04:52+5:302018-09-04T04:54:21+5:30
मध्य रात्रि कान्हा के जन्म पर दूध, दही, घी, बूरा और शहद के साथ पंचामृत से जन्माभिषेक किया गया और उसके बाद जन्म आरती की गई। आरती होने के बाद भगवान के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
नई दिल्ली, 04 सितंबरः भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मथुरा, वृंदावन सहित पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कान्हा ने सोमवार रात ठीक 12 बजे जन्म लिया। इस दौरान मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा और उन्होंने 'नन्द घर आनंद भयो...जय कन्हैया लाल की' जयघोष के साथ लड्डू गोपाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। बता दें, जन्माष्टमी के मौके पर कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिरों लक्ष्मी नारायण मंदिर, इस्कान मंदिर,कृष्ण प्रणामी मंदिर, हरे कृष्ण मंदिरों में विशेष रूप से सजावट की गई थी।
मध्य रात्रि कान्हा के जन्म पर दूध, दही, घी, बूरा और शहद के साथ पंचामृत से जन्माभिषेक किया गया और उसके बाद जन्म आरती की गई। आरती होने के बाद भगवान के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
उल्लेखनीय है कि सोमवार सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे थे। भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में जन्माष्टमी का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया गया और इस अवसर पर दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन पहुंचे।
Latest visuals of #Janmashtami celebration from Krishna Janambhoomi temple in Mathura. pic.twitter.com/gKSDX3tsVz
— ANI UP (@ANINewsUP) September 3, 2018
श्रद्धालु मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन के बांकेबिहारी, राधावल्लभ लाल, शाहबिहारी, राधारमण, अंग्रेजों के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर, 21वीं सदी में बनाए गए स्नेह बिहारी व प्रेम मंदिर, बरसाना के लाड़िली जी, नन्दगांव के नन्दबाबा मंदिर, गोकुल के नन्दभवन में पैदल ही पहुंचे। हर तरफ कान्हा के जन्म को लेकर उल्लास छाया रहा।
Visuals of #Janmashtami celebrations in Mathura's Krishna Janambhoomi temple. pic.twitter.com/J28mJBPwd1
— ANI UP (@ANINewsUP) September 3, 2018
राजस्थान में कृष्ण जन्माष्टमी पारंपरिक श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। उदयपुर के नाथद्वारा और राजधानी के प्रमुख आराध्य देव गोविंद देव जी के मंदिर को इस अवसर के लिए विशेष रूप से सजाया गया था। गुलाबी नगर के गोविंददेवजी मंदिर में सुबह मंगला की झांकी में ही बड़ी संख्या में श्रृद्वालु शामिल हुए। मंदिर प्रशासन ने दर्शन के लिये विशेष प्रबंध किये थे।
महाराष्ट्र में जगह-जगह पर सोमवार को पारंपरिक ‘दही हांडी’ का आयोजन किया गया, जिसमें मुंबई सहित राज्य के अन्य भागों के युवाओं ने दही हांडी प्रतियोगिता में भाग लिया।
महाराष्ट्र में जन्माष्टमी त्योहार के दौरान दही हांडी का आयोजन किया जाता है। इस परंपरा में रंग बिरंगे कपड़े पहने युवक यानी गोविंदा दही की हांडी तक पहुंचने के लिए मानवीय पिरामिड बनाते हैं और हवा में लटकती हांडी को तोड़ते हैं। लखनऊ, भोपाल, पटना, रांची,चंडीगढ़ समेत देश के अन्य भागों से भी जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाये जाने की सूचना है।