लोकसभा चुनाव 2019: जंगीपुर में अभिजीत मुखर्जी को मिल रही कड़ी चुनौती, इन चार पार्टियों में मुकाबला
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 19, 2019 02:14 PM2019-04-19T14:14:00+5:302019-04-19T14:14:00+5:30
लोकसभा 2014 के चुनाव में पश्चिम बंगाल में ममता लहर होने के बावजूद जंगीपुर सीट से तृणमूल कांग्रेस जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाई।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए देश की सभी पार्टियों मैदान में है। हर दल के नेताओं ने कमर कस ली है। जंगीपुर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले का एक शहर है, जो भगीरथी नदी पर बसा हुआ है। कहा जाता है कि इस शहर की स्थापना मुगल सम्राट जहांगीर ने की थी। इसीलिए इस शहर को जहांगीपुर भी कहा जाता है। आपको बता दें कि इस सीट से देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी चुनाव लड़ा करते थे।
पश्चिम बंगाल के वीआईपी जंगीपुर लोकसभा सीट पर तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल को मतदान है। 23 मई को मतगणना की जाएगी। लोकसभा 2014 के चुनाव में पश्चिम बंगाल में ममता लहर होने के बावजूद जंगीपुर सीट से तृणमूल कांग्रेस जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाई।
जंगीपुर में कुल 11 पार्टियां मैंदान में हैं
कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी को जंगीपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया है। अभिजीत मुखर्जी इस सीट से सांसद हैं। तृणमूल कांग्रेस ने खलिलुर रहमान को टिकट दिया है। बीजेपी ने मुस्लिम महिला कैंडिडेट को टिकट दिया है। पार्टी ने माफूजा खातून को उम्मीदवार बनाया है। सीपीएम ने मोहम्मद जुल्फीकार अली को टिकट दिया है, जबकि शमीमुल इस्लाम बीएसपी के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। मफूजा खातून दो बार माकपा की विधायक रह चुकी हैं। इस सीट से निर्दलीय समेत कुल 11 पार्टियां मैंदान में हैं।
...तब प्रणब दा हुआ करते ते सांसद
इस सीट पर सीपीएम कांग्रेस को कड़ी टक्कर देती रही है। 2012 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया। उनके राष्ट्रपति बनने पर यह सीट खाली हुई, जिस पर 10 अक्टूबर 2012 को मतदान कराया गया था। इसके बाद हुए उपचुनाव में प्रणब मुखर्जी बेटे अभिजीत मुखर्जी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जंगीपुर लोकसभा सीट जीत ली।
जंगीपुर सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी
जंगीपुर लोकसभा सीट चौथे आम चुनाव 1967 में अस्तित्व में आई थी। 1967 व 1971 के आम चुनावों में कांग्रेस के लुत्फल हक जीतने में कामयाब रहे। 1977 के लोकसभा चुनाव में माकपा के ससंका शेखर सान्याल जीते। 1980, 1984, 1989 व 1991 के आम चुनावों में माकपा के जैनल अबेदिन लगातार जीत हासिल करते रहे। 1996 के चुनावों में फिर कांग्रेस ने वापसी की और मोहम्मद इदरिस अली सांसद चुने गए। 1998 व 1999 के चुनावों में माकपा के अबुल हसनत खान चुनाव जीते। 2004 व 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी को चुनाव मैदान में उतारा। प्रणब मुखर्जी दोनों बार चुनाव जीते।