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Jammu Kashmir: कुंजवानी से पकड़े गए आतंकवादी को लेकर मिली बड़ी खबर, जम्मू कश्मीर से जुड़े हैं तार

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: February 13, 2021 17:25 IST

एनएसए डोभाल की रेकी करने वाले आतंकी के तार जम्मू कश्मीर से जुड़े हैं। 6 फरवरी को जम्मू के कुंजवानी इलाके से पकड़ा गया था।

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ठळक मुद्देआतंकी कमांडर के इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों और गृह मंत्रालय को अवगत करा दिया गया है।पाकिस्तान में जिस आका को हिदायतुल्ला ने वीडियो भेजा था, वह उसे डाक्टर के नाम से जानता है। पुलिस ने जांच के लिए सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिए हैं।

जम्मू, 13 फरवरी। जिस जैश-ए-मुस्तफा से जुड़े आतंकी हिदायत-उल्लाह मलिक के पास से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के आफिस के रेकी का वीडियो मिलने के बाद हड़कंप मचा है उसके तार जम्मू कश्मीर से जुड़े हुए हैं। उसे इस महीने की 6 तारीख को जम्मू शहर के कुंजवानी इलाके दबोचा गया था। सुरक्षा एजेंसियां दावा कर रही हैं कि शहर के कुंजवानी इलाके से कुछ दिन पहले दबोचे गए जैश-ए-मुस्तफा कमांडर हिदायतुल्ला मलिक ने पूछताछ के दौरान बड़ा खुलासा किया है। 

उनके बकौल आतंकी कमांडर ने बताया कि उनके निशाने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल थे। अपने इस मिशन को अंजाम देने के लिए वह वर्ष 2019 में स्वयं दिल्ली गया था, जहां उसने एनएसए और सीआइएसएफ कार्यालय की रैकी की थी। दिल्ली पहुंचने पर उसे पाकिस्तान बैठे अपने आकाओं से सरदार पटेल भवन व राजधानी के अन्य महत्वपूर्ण जगहों की रैकी करने के भी निर्देश मिले, जिसके बाद उसने एनएसए-सीआइएसएफ कार्यालय के अलावा उन जगहों की वीडियोग्राफी की और पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को व्हाट्सअप के माध्यम से भेज दी।

पुलिस पूछताछ में मलिक ने कबूला कि 31 जुलाई 2019 में वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। उस दौरान वह ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर काम करता था। फरवरी 2020 में वह जैश का सदस्य बना और अगस्त महीने में उसने अपना संगठन जैश-ए-मुस्तफा खड़ा कर दिया।हिदायतुल्ला ने बताया कि श्रीनगर से वह दिल्ली इंडिगो विमान से 24 मई 2019 को गया था। 

जहां उसने एनएसए व सीआइएसएफ कार्यालय की वीडियोग्राफी की। इसके बाद वह बस से वापस जम्मू पहुंचा। यहां पहुंचकर उसने अपने एक साथ समीर अहमद डार के साथ सांबा सीमांत इलाकों की रैकी की। समीर अहमद पुलवामा हमले में भी शामिल था। उसी मामले में 21 जनवरी 2020 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। रैकी के दौरान की गई वीडियोग्राफी उसने बाद में व्हट्सअप के जरिए पाकिस्तान में अपने संगठन के आकाओं तक पहुंचाए।

उसने पूछताछ के दौरान यह भी बताया कि मई 2020 में आत्मघाती हमले के लिए उसने एक सेंट्रो कार भी मुहैया कराई थी। इसके अलावा उसने अपने तीन साथियों इरफान ठोकर, उमर मुश्ताक और रइस मुस्तफा के साथ शोपियां में जम्मू कश्मीर बैंक की वैन से नवंबर 2020 में 60 लाख भी लूटे थे।

टॅग्स :आतंकवादीजम्मू कश्मीरभारत
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