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300 करोड़ का घूस ऑफर किए जाने के आरोपों में सत्यपाल मलिक ने 'अंबानी' के बाद 'राम माधव' का नाम लिया

By विशाल कुमार | Updated: October 24, 2021 08:12 IST

सत्यपाल मलिक के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर आरएसएस नेता राम माधव ने कहा कि उनसे पूछिए कौन था और किसलिए था. आरएसएस से कोई भी ऐसा कुछ नहीं करेगा; लेकिन मैं वास्तव में नहीं जानता कि उन्होंने इसे किस संदर्भ में कहा, या उन्होंने ऐसा कहा या नहीं.

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ठळक मुद्देपूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे सत्यपाल मलिक.'अंबानी' और एक वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी की फाइलों की मंजूरी के बदले में 300 करोड़ का ऑफर मिलने का आरोप लगाया थाराम माधव ने कहा कि आरएसएस से कोई भी ऐसा कुछ नहीं करेगा.

चंडीगढ़: पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का राज्यपाल रहने के दौरान 'अंबानी' और एक वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी की दो फाइलों को मंजूरी देने के बदले में 300 करोड़ रुपये घूस का ऑफर मिलने का आरोप लगाने के बाद अब सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा कि व्यक्ति का नाम लेना सही नहीं होगा लेकिन हर किसी को पता है कि उस समय जम्मू कश्मीर में आरएसएस प्रभारी कौन था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में मेघालय के राज्यपाल मलिक ने कहा कि उस व्यक्ति का नाम लेना सही नहीं होगा, लेकिन आप यह पता लगा सकते हैं कि जम्मू कश्मीर में आरएसएस का प्रभारी कौन था. लेकिन मुझे खेद है, मुझे आरएसएस का नाम नहीं लेना चाहिए था. अगर कोई अपनी व्यक्तिगत क्षमता में काम कर रहा है या कोई व्यवसाय कर रहा है, तो उसका ही उल्लेख किया जाना चाहिए था. चाहे वह किसी भी संगठन से जुड़ा हो, संगठन का नाम इसमें नहीं लाया जाना चाहिए था.

वहीं, मलिक के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर आरएसएस नेता राम माधव ने सूरत में कहा कि उनसे पूछिए कौन था और किसलिए था.

यह बताने पर कि उस समय वह जम्मू कश्मीर में थे तब उन्होंने कहा कि आरएसएस से कोई भी ऐसा कुछ नहीं करेगा; लेकिन मैं वास्तव में नहीं जानता कि उन्होंने इसे किस संदर्भ में कहा, या उन्होंने ऐसा कहा या नहीं. आपको उनसे पूछना चाहिए. उन्होंने कहा होगा कि किसी ने यह कहा है. मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, आरएसएस से कोई भी ऐसा कभी नहीं करता. उन्होंने 2014 में कहा था कि हम चुनाव हार रहे हैं और हमने किसानों के साथ अन्याय किया है. क्या हम यह सब मानते हैं? यह उनकी राय हो सकती है, सच्चाई क्या है, हम नहीं जानते.

बता दें कि, बीते 17 अक्टूबर को मलिक ने एक जनसभा में यह आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि दोनों फाइलों के लिए मुझे 150-150 करोड़ रुपये ऑफर किए गए थे लेकिन मैं मामले को प्रधानमंत्री के पास ले गया जिन्होंने मुझे भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने के लिए कहा था.

उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसी फाइलें पास करने के लिए बाकी राज्यों में 4-5 फीसदी कमीशन लगता है लेकिन जम्मू कश्मीर में यह 15 फीसदी है.

टॅग्स :सत्यपाल मलिकआरएसएसजम्मू कश्मीरराम माधव
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