Jammu-Kashmir: अब वंदे भारत से सफर कर गदगद हुए उमर अब्दुल्ला
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 19, 2025 17:26 IST2025-06-19T17:26:23+5:302025-06-19T17:26:34+5:30
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में आई कमी को देखते हुए, उमर अब्दुल्ला लगातार पर्यटकों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। कश्मीर तक वंदे भारत के आगमन से और अमरनाथ यात्रा के चलते पर्यटन भी पटरी पर लौटने लगा है।

Jammu-Kashmir: अब वंदे भारत से सफर कर गदगद हुए उमर अब्दुल्ला
जम्मू: अब वंदे भारत से सफर कर गदगद हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इसकी तारीफों के पुल बांधे हैं। इससे पहले उनके अब्बाजान पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला और उनके दोनों साहिबजादे भी कटरा-श्रीनगर के बीच चलने वाली वंदे भारत का आनंद उठा चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि कटरा से श्रीनगर तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेन में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को सफर किया। इसकी तस्वीरें उमर अब्दुल्ला ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शेयर की है, इसमें वो काफी खुश नजर आ रहे हैं। उन्होंने तस्वीरों के साथ लिखा, जम्मू चलने का समय हो गया है...वंदे भारत।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में आई कमी को देखते हुए, उमर अब्दुल्ला लगातार पर्यटकों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। कश्मीर तक वंदे भारत के आगमन से और अमरनाथ यात्रा के चलते पर्यटन भी पटरी पर लौटने लगा है। जिससे स्थानीय लोगों में भी खुशी का माहौल है। पर्यटकों की बढ़ती भीड़ और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बैसरन हमले के बाद बंद किए गए 50 पर्यटन स्थलों में से 16 को फिर खोल दिया है।
पिछले दिनों नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला ने भी वंदे भारत से सफर किया और कटरा पहुंचे थे। जम्मू संभाग के कटरा से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को 6 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। ट्रेन से श्रीनगर से कटरा तक का सफर मात्र तीन घंटे का है।
इस रेल ट्रैक पर 36 सुरंगें और सैकड़ों पुल हैं, जिनमें चिनाब रेलवे पुल भी शामिल है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है और पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। जबकि इस रेल लिंक पर अंजी केबल-स्टेड ब्रिज देश का पहला ऐसा रेलवे ब्रिज है। इन दोनों पुलों को इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जाता है।
ये रेल लाइन कश्मीर क्षेत्र के लिए वरदान की तरह है। दरअसल, जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे अक्सर भूस्खलन, मिट्टी धंसने, पत्थर गिरने और दुर्घटनाओं के कारण अवरुद्ध हो जाता है। 6 जून को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसकी तारीफ करते हुए कहा था कि इस रेल का ख्वाब बहुत लोगों ने देखे, अंग्रेजों ने भी ये ख्वाब देखे। उनका ख्वाब था कि झेलम के किनारे उड़ी में बाकी मुल्कों से कश्मीर को रेल से जोड़ें. जो अंग्रेज पूरा नहीं कर पाए, वो आपके (पीएम मोदी) हाथों हुआ।