जम्मू कश्मीर: बर्फबारी ने एलओसी पर भयंकर तबाही मचाई, कई स्थानों पर तारबंदी टूटी, पोस्टें बर्फ में दबीं

By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 10, 2022 01:48 PM2022-01-10T13:48:36+5:302022-01-10T13:51:50+5:30

बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुर्द तारबंदी सेना के लिए मुसीबत इसलिए बन गई है क्योंकि हर बार उसका यह अनुभव रहा है कि आतंकी टूटी हुई तारबंदी का सहारा लेकर घुसने की कोशिश करते रहते हैं। 

jammu kashmir loc snowfall wiring posts pakistan terrorist | जम्मू कश्मीर: बर्फबारी ने एलओसी पर भयंकर तबाही मचाई, कई स्थानों पर तारबंदी टूटी, पोस्टें बर्फ में दबीं

जम्मू कश्मीर: बर्फबारी ने एलओसी पर भयंकर तबाही मचाई, कई स्थानों पर तारबंदी टूटी, पोस्टें बर्फ में दबीं

Highlightsकश्मीर में हो रही जबरदस्त बर्फबारी ने एलओसी के इलाकों में भयानक तबाही मचाई है।घुसपैठियों को रोकने की खातिर लगाई गई तारबंदी भी कई स्थानों पर ढह गई है।सेना को मौसम की भयानक परिस्थितियों में चौकसी और सतर्कता को बढ़ाना पड़ा है।

जम्मू: पिछले कई दिनों से कश्मीर में हो रही जबरदस्त बर्फबारी ने एलओसी के इलाकों में भयानक तबाही मचाई है। खासकर सैन्य प्रतिष्ठान और सैनिक इसके शिकार हो रहे हैं। घुसपैठियों को रोकने की खातिर लगाई गई तारबंदी भी कई स्थानों पर ढह गई है जिस कारण सेना को मौसम की भयानक परिस्थितियों में चौकसी और सतर्कता को बढ़ाना पड़ा है।

बर्फबारी ने उस तारबंदी को बुरी तरह से कई इलाकों में क्षतिग्रस्त कर दिया है जो पाकिस्तानी क्षेत्र से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए लगाई गई थी। हालांकि यह कोई पहला अवसर नहीं था जब तारबंदी को बर्फबारी ने क्षति पहुंचाई हो बल्कि हर साल होने वाली बर्फबारी तारबंदी को नुक्सान पहुंचाती है और फिर सेना के जवान उसे नए सिरे से खड़ा करते हैं।

सेना प्रवक्ता का कहना था कि फिलहाल इसके प्रति अंदाजा लगाना कठिन है कि तारबंदी के कितने किमी के हिस्से को क्षति पहुंची है क्योंकि एलओसी के ऊंचाई वाले इलाकों में फिलहाल बर्फबारी रूकी नहीं थी तथा वहां तक सेना के जवान पहुंचने में कामयाब नहीं हुए थे।

लेकिन इतना जरूर था कि बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुर्द तारबंदी सेना के लिए मुसीबत इसलिए बन गई है क्योंकि हर बार उसका यह अनुभव रहा है कि आतंकी टूटी हुई तारबंदी का सहारा लेकर घुसने की कोशिश करते रहते हैं। 

यही कारण है कि तारबंदी के क्षतिग्रस्त होने के बाद सेना को एलओसी पर चौकसी तथा सतर्कता को और बढ़ाना पड़ा है क्योंकि पूर्व में भी पाक सेना इन्हीं परिस्थितियों का लाभ उठाने की कोशिश करती रही है।

माना कि एलओसी के वे रास्ते और दर्रे भारी हिमपात के कारण बंद हो चुके हैं जिनका इस्तेमाल घुसपैठियों द्वारा किया जाता रहा है पर भारतीय सेना कोई रिस्क लेने के पक्ष में नहीं है। 

यही कारण है कि भीषण हिमपात, भयानक सर्दी और माइन्स तापमान के बीच सैनिक सतर्कता और चौकसी के लिए गश्त को नहीं रोक पा रहे हैं। भयानक सर्दी में भी ऐसा करना उनकी मजबूरी है क्योंकि दुश्मन चालाक और चतुर है जो हमेशा मौके की तलाश में रहता है।

यही कारण था कि भारी बर्फबारी के बावजूद सेना एलओसी की उन पोस्टों से अपने जवानों को हटाने को तैयार नहीं थी जो कई फुट बर्फ के नीचे दब गई हैं। 

रक्षा प्रवक्ता कहते थे कि असल में तारबंदी भी बर्फ के नीचे दफन हो गई है और इन पोस्टों से सैनिकों को हटा लिए जाने का मतलब साफ होता कि घुसपैठियों को कश्मीर की एलओसी पर दूसरा करगिल प्रकरण तैयार करने का मौका प्रदान करना।

इसे भूला नहीं जा सकता कि तारबंदी पाक सेना के लिए परेशानी का सबब इसलिए बन चुकी है क्योंकि इसने आतंकियों के कदमों को रोक दिया है। यही कारण है कि पकड़े गए आतंकी पूछताछ के दौरान रहस्योद्घाटन करते हैं कि उस पार प्रशिक्षण शिविरों में गोला-बारूद दागने के अतिरिक्त तारबंदी को फांदने और उसे काटने के तरीके भी सिखाए जाते हैं। 

और मारे गए आतंकियों के कब्जे से ऐसे औजार अक्सर बरामद किए गए हैं जो तारबंदी को काटने में काम आते हैं। इसे आधिकारिक तौर पर माना जा रहा है कि आतंकी कई बार तारबंदी को काट घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं।

Web Title: jammu kashmir loc snowfall wiring posts pakistan terrorist

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