जम्मू-कश्मीर: बेटे के शव के लिए पिता के 14 महीने का इंतजार खत्म, कुलगाम में मिली जवान की लाश
By विनीत कुमार | Published: September 23, 2021 10:03 AM2021-09-23T10:03:23+5:302021-09-23T10:17:44+5:30
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक एक पिता को अपने मृत बेटे का शव 14 महीने बाद मिला। शख्स को संदिग्ध आतंकियों ने मार दिया था।
जम्मू: एक पिता की अपने बेटे की 14 महीनों से ज्यादा समय से जारी तलाश आखिरकार बुधवार को पूरी हो गई। मंजूर अहमद वागे को पास के गांव से एक रिश्तेदार द्वारा फोन आया। रिश्तेदार ने बताया कि बगीचे में तिरपाल से ढका हुआ शव मिला है और ये शाकिर का हो सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार शाकिर मंजूर शोपियां के बलपोरा में एक सेना इकाई में राइफलमैन के रूप में कार्यरत था। वह 2 अगस्त, 2020 को ईद पर लंच के बाद घर से लापता हो गए।
दरअसल, शाकिर जिस शिविर में तैनात था वहां लौटते समय संदिग्ध आतंकवादियों ने उसका अपहरण कर लिया था। उसी रात उसकी जली हुई गाड़ी उसके गांव से करीब 16 किलोमीटर दूर कुलगाम जिले के एक खेत में मिली।
वहीं, करीब 7 दिनों बाद शाकिर के कपड़े घर से 3 किमी दूर एक खाई में पाए गए। इसमें एक जोड़ी पतलून और सूख चुके खून से सने और कीचड़ से लिपटी एक भूरे रंग की शर्ट मिली। हालांकि बेटे का शव नहीं मिला और उसके बाद से पिता को इसकी तलाश थी।
पिता ने बेटे के शव को पहचाना
बहरहाल, वागे ने बुधवार को कुलगाम जिले के मोहम्मदपोरा इलाके में मिले शव की पहचान शाकिर के रूप में की। शव एक ट्रैकसूट और एक ताबीज के साथ बरामद किया गया। परिवार वालों का कहना है कि ये शाकिर का है।
शाकिर के छोटे भाई शान ने कहा, 'हमें यकीन है कि यह शाकिर है। कुछ साल पहले उसका एक्सीडेंट हो गया था और उसके पैर में टांके लगे थे। हालांकि शव सड़ चुका था। अस्पताल के डॉक्टरों ने उसके पैर साफ किए और हमने वह टांके देखे। पुलिस इस पहचान की पुष्टि करना चाहती है और शव को रात भर के लिए सेना के पास रखा गया है लेकिन हम उसे कल दफना देंगे।'
शाकिर जब लापता हुआ तो समय शान अलीगढ़ में पढ़ाई कर रहा था। हालांकि बदले हालात के बीच उसे कॉलेज छोड़ना पड़ा। शाकिर पिता वागे के छह बच्चों में से पांचवां और परिवार में एकमात्र कमाने वाला सदस्य था।
बेटे के शव के लिए संदिग्ध आतंकियों के परिवार से खुद मिले थे पिता
शाकिर का अपहरण करने वाले संदिग्ध चार आतंकवादियों में से वागे तीन परिवारों से खुद मिलने गए थे और उनसे पूछा था कि उनके बेटे को कहां दफनाया गया है।
वागे का मानना है कि इन आतंकियों ने उनकी लगातार अपील के बाद खुद शरीर को खोदकर निकाला होगा और छोड़ दिया होगा ताकि परिवार इसे खोज सके।
वहीं, डीजीपी जम्मू-कश्मीर, पुलिस दिलबाग सिंह ने बताया है कि परिवार ने शव की पहचान शाकिर के रूप में की है औऱ पुलिस ने पुष्टि के लिए डीएनए नमूने ले लिए हैं।