केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार (12 सितंबर) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के सरपंचों के साथ बैठक की और प्रदेश के मौजूदा हालातों पर बातचीत की। इस बैठक में डोडा जिले के दूरस्थ गंदोह तहसील से 16 सरपंच शामिल हुए थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से पंचायतों को स्वायत्तता दी गई और वे सशक्त हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य के जमीनी स्तर के नेताओं का मनोबल बढ़ा है। अब नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए अनुदान सीधे तौर पर पंचायतों तक पहुंचेंगे, जिससे उनका विकास होगा। ये लोग जम्मू-कश्मीर के दूरस्थ क्षेत्रों से निर्वाचित नेता हैं और इन क्षेत्रों के विकास के निर्णयों के बारे में उनके विचारों का अत्यधिक महत्व है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने भी हाल में वहां की स्थिति के बारे में उनसे विचार-विमर्श किया था। कुछ निहित हितों से जुड़े लोगों ने सरकार के निर्णय के बारे में गलत जानकारी फैलाने की कोशिश की। वास्तविक स्थिति को समझने में ये नेता सरकार के लिए मददगार हैं।
उन्होंने बताया कि सरपंचों ने कहा कि वे सरकार के निर्णय के साथ खड़े हैं। वे स्वायत्तता और वित्तीय शक्तियों के बल पर अब अधिक सशक्त महसूस करते हैं। प्रत्यक्ष वित्तीय शक्तियों से वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के फायदे के लिए निर्णय लेने में समर्थ होंगे। इससे अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्रों में मदद मिलेगी।