जम्मू-कश्मीर: सुरक्षाबलों ने कश्मीर के शोपियां में पांच आतंकियों को ढेर कर दिया है। मुठभेड़ अभी जारी है। दो से तीन और आतंकियों के घेरे में होने की खबर है। पत्थरबाजों को घटनास्थल पर एकत्र होने से रोकने की खातिर अतिरक्ति फोर्स तैनात की गई है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
सुरक्षाबलों को सूचना मिली कि दक्षिण कश्मीर में शोपियां जिले के रेबन गांव में आतंकी छिपे हैं। सूचना के आधार पर सेना की 1-आरआर, सीआरपीएफ की 178 बटालियन और एसओजी के जवानों ने इलाके की घेराबंदी करनी शुरू की। खुद को घिरा देख आतंकियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। जवानों ने मोर्चा संभालने से पहले आतंकियों से समर्पण करने की बात भी कही। लेकिन आतंकी सुरक्षाबलों को निशाना बनाते रहे। इसके बाद जवानों ने मोर्चा संभाला और पांच आतंकियों को मार गिराया।
मोबाइल इंटरनेट सेवा को अस्थायी रूप से किया है बंद-
बता दें कि पहले तीन आतंकियों के मारे जाने की सूचना थी लेकिन अब मिल रही ताजा जानकारी के अनुसार, अब पांच आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। इसके बाद फिलहाल इस ऑपरेशन को यहीं खत्म कर दिया गया है। मुठभेड़ को लेकर किसी तरह की अफवाह न फैले इसके लिए प्रशासन ने मोबाइल इंटरनेट सेवा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
तलाशी अभियान जारी-
दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले के रेबेन इलाके में रविवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच उस समय मुठभेड़ शुरू हो गई, जब जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। असल में, सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी के इनपुट मिलने के बाद शोपियां के रेबन गांव को घेर कर तलाशी अभियान शुरू किया था।
पुलिस, सेना के 01 RR और सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान चलाया और रेबेन इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम जब संदिग्ध स्थान पर पहुंची तो छिपे हुए आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बल के जवानों ने सफलता पूर्वक मार गिराया ऑपरेशन जारी है।
इससे पहले पुलवामा में मारा गया था जैश-ए-मोहम्मद का एक शीर्ष आतंकी-
इससे पहले दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में 3 जून को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का एक शीर्ष आईईडी विशेषज्ञ अब्दुल रहमान उर्फ ‘फौजी भाई’ और दो अन्य स्थानीय आतंकवादी मारे गए। मारा गया जैश का आतंकवादी दक्षिण कश्मीर में 2017 से सक्रिय था और वह पूर्व में हिंसा प्रभावित अफगानिस्तान में गठबंधन बलों के खिलाफ सक्रिय रह चुका था। उन्होंने दावा किया कि जब सुरक्षा बलों ने गत 28 मई को पुलवामा में आईईडी से लदी कार को रोका था तब फौजी बाबा फरार होने में सफल रहा था ।