कश्मीर: अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद आतंकी हमलों में मरने वाले आम लोगों की संख्या में बढ़ोतरी, सैनिकों की मौत में आई कमी
By विशाल कुमार | Published: December 8, 2021 09:23 AM2021-12-08T09:23:35+5:302021-12-08T12:17:57+5:30
मई 2014 और 5 अगस्त, 2019 के बीच 63 महीनों के दौरान आतंकी हमलों में पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य में 177 नागरिक मारे गए थे। वहीं, उसके बाद के 27 महीनों में नवंबर तक 87 नागरिक मारे गए। इसमें सबसे अधिक 40 आम नागरिक अकेले इस साल मारे गए।
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद से जहां सेना के जवानों की मौतों में कमी आई है तो वहीं आम नागरिकों पर होने वाले हमले बढ़ गए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त 2019 के बाद से केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी हमलों में हर महीने आम नागरिकों की 3.2 मौतें हो रही हैं जबकि उससे पांच साल पहले यह संख्या 2.8 मौतें हर महीने थी।
वहीं, 5 अगस्त 2019 के बाद से केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी हमलों में हर महीने मरने वाले सैनिकों की संख्या जहां 1.7 रही तो उससे पांच साल पहले यह संख्या 2.8 थी।
मई 2014 और 5 अगस्त, 2019 के बीच 63 महीनों के दौरान आतंकी हमलों में पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य में 177 नागरिक मारे गए थे। वहीं, उसके बाद के 27 महीनों में नवंबर तक 87 नागरिक मारे गए। इसमें सबसे अधिक 40 आम नागरिक अकेले इस साल मारे गए।
जम्मू कश्मीर में साल 2019 में आतंकी हमलों की कुल संख्या 255 थी तो वहीं साल 2020 में यह संख्या 244 थी। इस साल तो अभी तक ही यह संख्या 200 को पार कर चुकी है।
यह कहते हुए कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में मरने वालों की संख्या कम हो रही है 1 दिसंबर को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मई 2014 और 5 अगस्त, 2019 के बीच 843 हमलों में 86 नागरिकों की हत्या दिखाते हुए डेटा प्रदान किया। वहीं, उसके बाद से नवंबर तक 496 हमलों में 79 नागरिक मारे गए।