जम्मू: बर्फ के पिघलते ही घाटी में मंडराने लगा घुसपैठ का भयानक खतरा, हालात देखते हुए अतिरिक्त सैनिकों की हुई तैनाती
By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 21, 2022 05:31 PM2022-04-21T17:31:36+5:302022-04-21T17:35:27+5:30
जानकारी के मुताबिक, एलओसी पर कितने जवानों की तैनाती की गई है, इसका कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं मिल पाया लेकिन यह संख्या हजारो में है।
जम्मू: भीषण गर्मी के कारण इस बार एलओसी पर बर्फ के तेजी से पिघलने के कारण, घुसपैठ का खतरा भयानक रूप से मंडराने लगा है। अधिकारियों ने इसे माना है कि कश्मीर के कई सेक्टरों से कई दर्जन आतंकी पिछले दिनों घुसने में कामयाब रहे थे और उनके खात्मे के लिए सेना बहुत बडे़ अभियान को भी छेड़ चुकी है। हालांकि कश्मीर की घुसपैठ के बाद आरंभ हुई सैनिक कार्रवाई की सच्चाई यह है कि सेना अभी तक इन आतंकियों को खोज नहीं पाई है।
घुसपैठ को रोकने के लिए अतिरिक्त सैनिक तैनात
रक्षाधिकारियों के बकौल, ऐसी की घटना पुनः न हो इसके लिए पूरी बर्फ के पिघलने से पहले ही पारंपारिक घुसपैठ के रास्तों पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात कर देना जरूरी है। कितने अतिरिक्त सैनिकों को एलओसी और बार्डर पर भेजा गया है कोई आंकड़ा सरकारी तौर पर मुहैया नहीं करवाया गया है पर सूत्र कहते हैं कि ये संख्या हजारों में है।
सैनिकों द्वारा की जारी है एलओसी की निगरानी
इतना जरूर है कि सेना को एलओसी पर घुसपैठ तथा कश्मीर के भीतर आंतरिक आतंकवाद विरोधी अभियानों के दोहरे मोर्चे पर जूझने के लिए अब सेना सैनिकों की कमी इसलिए महसूस कर रही है क्योंकि उसकी सूचनाएं कहती हैं कि आतंकवादी एकसाथ दोहरा मोर्चा खोल सेना के लिए मुसीबतें पैदा कर सकते हैं। इसकी खातिर सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों में जुटे हुए सैनिकों को भी हटा कर एलओसी पर भेजने की मजूबरी के दौर से गुजरना पड़ रहा है।