जम्मू-कश्मीरः बिहार और यूपी के दो की हत्या, आतंकियों ने अक्टूबर में 5 लोगों को मारा, बाहरी पर निशाना तेज
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 16, 2021 08:02 PM2021-10-16T20:02:51+5:302021-10-16T20:23:45+5:30
आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह मैदान इलाके में बिहार के अरविंद कुमार और पुलवामा में यूपी के रहने वाले सगीर अहमद पर गोलियां बरसाई थीं।
जम्मूः आतंकियों ने कश्मीर में आज एक और बिहार के शख्स की हत्या कर डाली है। जबकि यूपी का एक नागरिक गंभीर रूप से जख्मी हुआ था उसने भी दम तोड़ दिया। कश्मीर में इस महीने में अभी तक आतंकियों ने 5 अल्पसंख्यकों को मौत के घाट उतारा है।
पुलिस ने बताया कि आज देर रात आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह मैदान इलाके में बिहार के अरविंद कुमार और पुलवामा में यूपी के रहने वाले सगीर अहमद पर गोलियां बरसाई थीं। अरविंद कुमार की मौके पर ही मौत हो गई जबकि यूपी के नागरिक ने देर रात को दम तोड़ दिया।
बिहार के नागरिक अरविद कुमार काफी समय से श्रीनगर में गोलगप्पे बेचा करता था। वह बांका के रहने वाला था। बांका जिले के बाराहाट थाना अंतर्गत परघड़ी गांव का था। उत्तर प्रदेश के नागरिक की पहचान सहारनपुर के रहने वाले सगीर अहमद के रूप में की गई गई। कई साल से पुलवामा में एक आरा मिल में कारपेंटर का काम करता था।
इस महीने में आतंकियों ने अभी तक 5 अल्पंसख्यक समुदाय के लोगों की हत्या कर दी है। जबकि उन्होंने तीन प्रवासी नागरिकों पर भी गोलियां दाग उन्हें जख्मी कर दिया। इसी तरह से उन्होंने कई कश्मीरी नागरिकों को भी मौत के घाट उतारा है। पुलिस का कहना था कि प्रवासी नागरिकों पर हुए ताजा हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के साथ ही रेड अलर्ट जारी किया गयी है।
इससे पहले 5 अक्तूबर को आतंकियों ने बिहार के ही वीरेंद्र पासवान को मार डाला था। अक्तूबर के पहले सप्ताह में सात मौतों के कारण कश्मीर में रहने वाले अल्पसंख्यकों के बीच डर भी बढ़ गया है। शहरों में पुलिस हाई एलर्ट पर है और जगह-जगह तलाशी ली जा रही है।
रिपोर्टे कहती है कि पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ शहर में हमलों के बारे में ख़ुफ़िया इनपुट थे और कई जगहों पर अतिरिक्त नाके भी लगाए गए थे। हालत यह है कि कश्मीर में दहशत का माहौल है खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग तथा प्रवासी नागरिक दहशतजदा हैं।
यह इसी से स्पष्ट होता है कि कश्मीर में नागरिकों की हत्या करने की यह पिछले 16 दिनों में 10वीं घटना है, जिसमें से 6 सिर्फ श्रीनगर की ही हैं। 16 दिनों में होने वाली 10 आतंकी घटनाओं की खास बात यह थी कि आतंकियों ने जिन 9 लोगों को मारा था उनमें से 5 अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थे और तीन कश्मीरी मुस्लिम थे।
इनमें एक जम्मू का रहने वाला भी था और दो बिहार के। इतना जरूर था कि इन सभी हत्याओं के पीछे एक ही आतंकी गुट टीआरएफ था जो कश्मीरियों के लिए आतंक का पर्याय बन चुका है और अब कश्मीरी उससे दहशतजदा भी हैं। हालांकि आज के हमलों की जिम्मेदारी इस्लामकि स्टेट ने ली है।