जम्मू-कश्मीर, महामारी में पुलिस की भूमिका पर होगी पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में चर्चा

By भाषा | Updated: November 7, 2021 17:01 IST2021-11-07T17:01:10+5:302021-11-07T17:01:10+5:30

Jammu and Kashmir, the role of police in the epidemic will be discussed in the conference of Director Generals of Police | जम्मू-कश्मीर, महामारी में पुलिस की भूमिका पर होगी पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में चर्चा

जम्मू-कश्मीर, महामारी में पुलिस की भूमिका पर होगी पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में चर्चा

नयी दिल्ली, सात नवंबर देश में आंतरिक सुरक्षा हालात, जम्मू-कश्मीर में मौजूदा हालात और कोविड-19 महामारी के दौरान पुलिस द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका उन कुछ मुद्दों में से हैं जिन पर लखनऊ में 20-21 नवंबर को होने वाले पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में चर्चा होनी है।

वर्तमान दुनिया में हो रहे अपराधों जैसे साइबर आतंकवाद, युवाओं में बढ़ता कट्टरवाद और माओवादियों द्वारा की जाने वाली हिंसा पर भी शीर्ष पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन में चर्चा होगी। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हिस्सा लेंगे।

खुफिया ब्यूरो (आईबी) द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में सभी राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और केन्द्र सरकार में कार्यरत डीजीपी और आईजीपी रैंक के करीब 250 अधिकारी हिस्सा लेंगे।

एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को देश के आंतरिक सुरक्षा हालात से अवगत कराया जाएगा और इस पर चर्चा की जाएगी कि जन हितैषी कदम उठाते हुए सुरक्षा हालात में सर्वांगीण सुधार कैसे किया जाए।

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद, महामारी के दौरान कोरोना योद्धाओं के रूप में पुलिस की भूमिका इस दो दिवसीय सम्मेलन का मुख्य मुद्दा होंगे।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राज्यों के पुलिस प्रमुख महामारी से निपटने में अपने-अपने अनुभव साझा करेंगे और बताएंगे कि इस स्वास्थ्य संकट के दौरान पुलिस ने लोगों की मदद कैसे की।

आकलन के अनुसार, देशभर में एक लाख से ज्यादा पुलिस कर्मी और अर्द्धसैनिक बल के कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए और कोविड-19 से करीब 1,000 कर्मियों की मौत हुई।

संक्रमित हुए पुलिसकर्मियों और अर्द्धसैनिक बलों के कर्मियों में से क्रमश: 30,000 और 40,000 अकेले महाराष्ट्र से हैं, जो देश में कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा।

सुरक्षा बलों में मरने वालों में से 120 से ज्यादा अर्द्धसैनिक बल कर्मी और करीब 300 पुलिसकर्मी महाराष्ट्र पुलिस से थे। इन सभी ने महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2014 के बाद से डीजीपी और आईजीपी अधिकारियों के सम्मेलन के तरीके, स्थान, विषयों और अन्य चीजों में बहुत बदलाव आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आने के बाद से ही सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी के बाहर कर रही है।

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Web Title: Jammu and Kashmir, the role of police in the epidemic will be discussed in the conference of Director Generals of Police

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