जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर में कई जगहों पर पत्थरबाजी की घटनाएं, घाटी में अघोषित कर्फ्यू दूसरे दिन भी जारी
By सुरेश डुग्गर | Published: August 6, 2019 04:21 PM2019-08-06T16:21:25+5:302019-08-06T16:25:16+5:30
जम्मू शहर व उसके आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार को दूसरे दिन भी पुलिस प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियां जारी रही। पुराने शहर की हरेक गली के बाहर सुरक्षा कर्मियों ने तारबंदी कर लोगों की आवाजाही को पूर्ण रूप से रोक लिया है।
दो दिनों के बाद भी कश्मीर पूरी तरह से देश-दुनिया से कटा हुआ है। संचार साधनों के साथ साथ टीवी चैनल, अखबार इत्यादि से कश्मीरी महरूम हैं। कश्मीर वादी में लाखों सैनिकों के साथ लगाया गया अघोषित कर्फ्यू दूसरे दिन भी जारी रहा था। जम्मू जिले में भी ऐसा ही था जहां धारा 144 के नाम पर कर्फ्यू जैसी पाबंदियां थोपी गई थीं। इस बीच डोडा, किश्तवाड़, तथा पुंछ में कर्फ्यू लगाए जाने की खबरें हैं। जबकि श्रीनगर में आज कई स्थानों पर पत्थरबाजी भी हुई।
जम्मू शहर व उसके आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार को दूसरे दिन भी पुलिस प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियां जारी रही। पुराने शहर की हरेक गली के बाहर सुरक्षा कर्मियों ने तारबंदी कर लोगों की आवाजाही को पूर्ण रूप से रोक लिया है। बिना ठोस कारण के किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
शहर के प्रत्येक चौक चौराहों में आमर्ड पुलिस के अलावा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया है। हालांकि चिनाव वैली से मिले समाचारों के मुताबिक, कई जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। जबकि वदी कश्मीर में लगाए गए अघोषित कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई। दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में एक सप्ताह में पोने दो लाख के करीब जवान तैनात हुए हैं।
इन शहरों में हुई पत्थरबाजी
इस बीच कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार मंगलावर को राजधानी श्रीनगर के कुछ क्षेत्रों में कुछ कश्मीरी प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की है। खबरों के अनुसार ये पत्थरबाजी श्रीनगर शहर में अलग-अलग 9 स्थानों पर हुई। ज्ञात जानकारियों के अनुसार श्रीनगर के जिन क्षेत्रों में ये पत्थरबाजी की वारदातें पेश आई हैं वे हैं हाजी बाग कैंप, सोम्यार मंदिर, इस्लामिया कॉलेज, छोटा बाजार आदि। जबकि कुछेक अन्य इलाकों में लोगों के सड़कों पर उतर आने और पाबंदियों का विरोध करते हुए प्रदर्शन किए गए।
गौरतलब है की कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के निर्णय लेने के पहले से ही सेना ने व्यापक तैयारी कर ली थी जिसकी वजह से जम्मू कश्मीर से कोई बढ़ी घटना सामने नहीं आ रही है। एहतियात के तौर पर कल रात जम्मू कश्मीर के कई नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया था ताकि वे शांति भंग ना कर पाएं।