एलओसी पर तनावः अनफूटे मोर्टार के गोले बिखेर रहे हैं मौत, खतरा अभी कायम, मिशन पर आर्मी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 26, 2020 04:26 PM2020-06-26T16:26:56+5:302020-06-26T16:26:56+5:30
कुछ दिन पहले भी भारतीय सेना ने पुंछ जिले के मेंढर उप-मंडल में बालाकोट सेक्टर के बसोटी और बालाकोट गांव में कई जिंदा मोर्टार के गोलों को निष्क्रिय कर दिया।
जम्मूः जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में, चाहे वे इंटरनेशनल बार्डर से सटे हैं या फिर एलओसी से, पाक सेना द्वारा दागे जाने वाले मोर्टार के वे गोले मौत बिखेर रहे हैं जो अनफूटे हैं।
हालांकि भारतीय सेना ने ऐसे बीसियों मोर्टार को निष्क्रिय किया है लेकिन खतरा अभी कायम है क्योंकि जमीन में घुस चुके अनफूटे मोर्टार किसी भी समय फूट सकते हैं। कुछ दिन पहले भी भारतीय सेना ने पुंछ जिले के मेंढर उप-मंडल में बालाकोट सेक्टर के बसोटी और बालाकोट गांव में कई जिंदा मोर्टार के गोलों को निष्क्रिय कर दिया।
मनियारी और पंसर गांवों में भी कुछ मोर्टार को निष्क्रिय कर दिया
भारतीय सेना के जवानों ने 120 मिमी के कई जीवित मोर्टार के गोलों को कार्रवाई कर फोड़ डाला था जो पाक सेना ने नागरिक ठिकानों को निशाना बनाते हुए दागे थे पर वे फूटे नहीं थे। कल भी एलओसी से सटे राजौरी के बलनाई में दो मोर्टार को निष्क्रिय किया गया था। जबकि आज इंटरनेशनल बार्डर के हीरानगर सेक्टर के मनियारी और पंसर गांवों में भी कुछ मोर्टार को निष्क्रिय कर दिया।
दरअसल सीजफायर के बावजूद पाक सेना एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित 120 मिमी के मोर्टार को दाग रही है। उसके मोर्टार हमलों के निशााने सैनिक ठिकाने नहीं बल्कि नागरिक ठिकाने हैं। जानकारी के लिए 120 मिमी का मोर्टार अधिक दूरी तय करता है तथा एक बड़े इलाके को अपनी चपेट में ले लेता है।
जम्मू के इंटरनेशनल बार्डर को वर्किंग बाउंडरी का नाम देते हुए गोलाबारी को जारी रखे हुए है
सबसे अधिक चिंता इस कवायद की यह है कि पाक सेना जम्मू के इंटरनेशनल बार्डर को वर्किंग बाउंडरी का नाम देते हुए गोलाबारी को जारी रखे हुए है। यह बात अलग है कि भारतीय सेना जम्मू सीमा पर इंटरनेशनल नियमों का पालन करते हुए सिर्फ उसी समय अपनी बंदूकों के मुंह खोलती है जब पाक सेना नागरिक ठिकानों को निशाना बनाती है।
पिछले कई दिनों से वह जम्मू फ्रंटियर के हीरानगर सेक्टर में कई गांवों को निशाना बना गोले दाग रही है तो एलओसी में एक सप्ताह से गोलियों की बरसात रूकी नहीं है। नतीजा सामने है। लोग पलायन करने को मजबूर इसलिए भी हुए हैं क्योंकि कई घरों की छतों और दीवारों में घुस चुके मोर्टार के जीवित बम मौत से सामना करवा रहे हैं।