जम्मू-कश्मीरः दो स्थानीय आतंकियों ने मुठभेड़ से पहले डाल दिए हथियार, मां से गले लग कर खूब रोए, see pics

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 22, 2020 04:38 PM2020-10-22T16:38:33+5:302020-10-22T16:42:49+5:30

सूचना मिलने के बाद पहुंचे सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को घेर लिया। सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को काई बार आत्मसमर्पण करने के लिए परंतु वे नहीं माने। दोनों आतंकियों की पहचान जाहिर होने पर उनके परिजनों को मुठभेड़ स्थल पर लाया गया।

Jammu and Kashmir newly recruited terrorists surrendered  mother's call weapons before encounter | जम्मू-कश्मीरः दो स्थानीय आतंकियों ने मुठभेड़ से पहले डाल दिए हथियार, मां से गले लग कर खूब रोए, see pics

दोनों युवकों ने अपने हथियार जमीन पर छोड़ पुलिस और सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

Highlightsआतंकियों के परिजनों ने परिवार का हवाला देते हुए उन्हें आतंकवाद की राह छोड़ मुख्यधारा में शामिल होने की गुहार लगाई।परिजनों ने कहा कि यदि आज उन्हें कुछ हो जाता है तो उनके साथ उनका परिवार भी खत्म हो जाएगा। युवक आतंकवाद की राह में मारे गए हैं, उनके परिजन खुश नहीं है। किसी भी आतंकवादी संगठन ने उनकी सुध नहीं ली है।

जम्मूः सेना के आपरेशन मां को आज उस समय एक बार फिर सफलता मिली, जब मां की पुकार सुन दो स्थानीय आतंकियों ने मुठभेड़ शुरू होने से पहले ही हथियार डाल दिए।

हथियार डालने के तुरंत बाद जब वे बाहर आए तो अपनी मां से गले लग कर खूब रोए। वह दृश्य बहुत ही भावुक था। पिछले हफ्ते भी मां की पुकार सुनकर एक आतंकी ने आतंकवाद का रास्ता छोड़ दिया था।उत्तरी कश्मीर के सोपोर के तुज्जर इलाके में अल-बदर में हाल ही में शामिल हुए दो युवकों ने मुठभेड़ शुरू होने से पहले ही सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

सूचना मिलने के बाद पहुंचे सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को घेर लिया। सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को काई बार आत्मसमर्पण करने के लिए परंतु वे नहीं माने। दोनों आतंकियों की पहचान जाहिर होने पर उनके परिजनों को मुठभेड़ स्थल पर लाया गया। मुठभेड़ स्थल पर पहुंचे आतंकियों के परिजनों ने परिवार का हवाला देते हुए उन्हें आतंकवाद की राह छोड़ मुख्यधारा में शामिल होने की गुहार लगाई।

परिजनों ने कहा कि यदि आज उन्हें कुछ हो जाता है तो उनके साथ उनका परिवार भी खत्म हो जाएगा। आतंकी संगठन केवल अपने स्वार्थ के लिए उन्हें इस राह पर चलने को मजबूर कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि घाटी में अभी तक जितने भी युवक आतंकवाद की राह में मारे गए हैं, उनके परिजन खुश नहीं है। किसी भी आतंकवादी संगठन ने उनकी सुध नहीं ली है।

आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि परिजनों खासकर अपनी मां की पुकार और गुहार कानों तक पहुंचते ही अल-बदर में शामिल हुए दोनों युवक आत्मसमर्पण करने को तैयार हो गए। दोनों युवकों ने अपने हथियार जमीन पर छोड़ पुलिस और सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

आइजीपी ने कहा कि दोनों युवकों द्वारा आत्मसमर्पण करने से उनके परिजन ही नहीं पुलिस व सेना भी उतनी ही खुश है। फिलहाल पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वाले युवकों की पहचान जाहिर नहीं की है परंतु बताया जा रहा है कि ये दोनों युवक गत माह 24 सितंबर को अपने घर से लापता हो गए थे।

इससे पहले भी बीते शुक्रवार को मध्य कश्मीर के बडगाम के चडूरा इलाके में सेना और पुलिस ने एक लश्कर आतंकी को सरेंडर करवाने में सफलता प्राप्त की थी। इस आत्मसमर्पण की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा पेश की गई इंसानियत की एक और मिसाल की वीडियो में सामने आई थी, जिसमें सेना का एक जवान मुठभेड़ स्थल पर फंसे एक आतंकी की मां से उसे सरेंडर करवाने की अपील करवा रहा था।

इस दौरान एक जवान लाउडस्पीकर पर अपील करवा रहा था। तो दूसरा जवान आतंकी की मां के सामने ढाल बनकर खड़ा दिखाई दे रहा था, ताकि अगर आतंकियों की ओर से फायरिंग की जाती है तो मां को कोई नुकसान न पहुंचे। वीडियो में आतंकी नाजिम की मां कह रही थी, यहां आ जा, आ जा नाजिम मां के वास्ते बाहर आ जा, मां के खातिर गन छोड़कर बाहर आ जा। और उसने हथियार छोड़ मां की पुकार को सुन लिया था।

Web Title: Jammu and Kashmir newly recruited terrorists surrendered  mother's call weapons before encounter

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