जम्मू-कश्मीर: घुसपैठ में आई तेजी बनी चिंता का विषय

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 21, 2023 03:04 PM2023-11-21T15:04:53+5:302023-11-21T15:05:28+5:30

गृह मंत्रालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने इस बात पर जोर दिया कि सैनिकों को जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी, पुंछ, बारामुल्‍ला, कुपवाड़ा और अन्य प्रमुख जिलों में इंटरनेशनल बार्डर सीमा और एलओसी पर उच्चतम संभव सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है

Jammu and Kashmir Increase in infiltration becomes a matter of concern | जम्मू-कश्मीर: घुसपैठ में आई तेजी बनी चिंता का विषय

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

श्रीनगर: पिछले कुछ महीनों से एलओसी पार से घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं ने प्रदेश में सबको चिंता में डाल दिया है। इससे यहां सीजफायर दांव पर लगने लगा है वहीं कश्‍मीर में शांति के भंग होने का पूरा खतरा पैदा हो गया है।

अधिकारियों के अनुसार, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में घुसपैठ के प्रयासों में चिंताजनक वृद्धि हुई है, जिसके कारण सरकार और सुरक्षा बलों द्वारा सतर्कता बढ़ा दी गई है और मजबूत सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है।

नवीनतम मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि इस वर्ष अकेले क्षेत्र में घुसपैठ का प्रयास करते समय 42 आतंकवादी मारे गए हैं, जो एलओसी की अखंडता को बनाए रखने में सुरक्षा कर्मियों के सामने आने वाली लगातार चुनौतियों को रेखांकित करता है।

सुरक्षा बलों के मुताबिक घुसपैठ की सबसे हालिया कोशिश की घटना 15 नवंबर को उड़ी सेक्टर में हुई, जहां दो अज्ञात आतंकी मारे गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अक्‍तूबर एक विशेष रूप से सक्रिय महीना साबित हुआ, जिसमें सुरक्षा बलों ने 26 अक्‍तूबर को कुपवाड़ा जिले के मच्‍छेल सेक्टर में एलओसी पर पांच आतंकवादियों को मार गिराया।

इसके अतिरिक्त, 22 अक्‍तूबर को, बारामुल्‍ला जिले के उड़ी सेक्टर में घुसपैठ की असफल कोशिश में दो आतंकवादी मारे गए, जो इस क्षेत्र के सामने आने वाले सुरक्षा खतरों की लगातार और विविध प्रकृति को उजागर करता है। यह स्थिति जून में हुई घटनाओं की श्रृंखला की याद दिलाती है, जहां कुल 11 घुसपैठिए मारे गए थे। इनमें से चार को मच्‍छेल सेक्टर में मार गिराया गया, जबकि पांच को केरन सेक्टर के पास के जुमागुंड इलाके में मार गिराया गया।

इस बीच सुरक्षाधिकारियों ने बताया कि सरकार ने सुरक्षा बलों को चिन्हित घुसपैठ मार्गों पर अपनी निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। घुसपैठ के प्रयासों में हालिया वृद्धि ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के पुनर्मूल्यांकन को प्रेरित किया है, जिसमें खुफिया सूचनाओं का लाभ उठाने, उन्नत निगरानी प्रौद्योगिकियों को तैनात करने और एलओसी के संवेदनशील हिस्सों पर नियमित गश्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

इसका उद्देश्य घुसपैठियों के खिलाफ एक मजबूत निवारक बनाना और किसी भी संभावित खतरे को तेजी से बेअसर करना है।
जैसे ही सुरक्षा बल इन उपायों को लागू करने के लिए तैयार हो रहे हैं, जनता से सहयोग का आह्वान किया जा रहा है, नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करने का आग्रह किया जा रहा है जो जम्मू-कश्मीर की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।

गृह मंत्रालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने इस बात पर जोर दिया कि सैनिकों को जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी, पुंछ, बारामुल्‍ला, कुपवाड़ा और अन्य प्रमुख जिलों में इंटरनेशनल बार्डर सीमा और एलओसी पर उच्चतम संभव सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है।
रक्षा विभाग के सूत्रों का कहना था कि सर्दी आने के साथ, आतंकवादी घुसपैठ का प्रयास कर सकते हैं। आपको स्थिति को संभालने के लिए उपाय करने और घुसपैठ विरोधी रुख को मजबूत करने की जरूरत है। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने सेना को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।

सूत्रों ने कहा कि सेना और सीमा सुरक्षा बलों ने संभावित घुसपैठ से निपटने के लिए कुपवाड़ा, बारामुल्‍ला, पुंछ और राजौरी जैसे जिलों में एलओसी के पास पहाड़ी घाटियों और नदी क्षेत्रों में गश्त के प्रयास बढ़ा दिए हैं।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात पर जोर डाला कि ताजा घुसपैठ के बढ़ते खतरे के जवाब में एलओसी पर सैनिक उच्चतम स्तर की सतर्कता के साथ काम कर रहे हैं।

Web Title: Jammu and Kashmir Increase in infiltration becomes a matter of concern

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे