जम्मू-कश्मीरः राज्यपाल के बयान पर मचा बवाल, अब और कई नेता विरोध में उतरे
By सुरेश डुग्गर | Published: July 22, 2019 06:31 PM2019-07-22T18:31:04+5:302019-07-22T18:31:04+5:30
सत्यपाल मलिक ने रविवार को कहा था कि आतंकियों को पुलिसवालों की जगह भ्रष्ट राजनेताओं और नौकरशाहों की हत्या करनी चाहिए। सत्यपाल मलिक का तर्क था कि यही लोग राज्य को लूट रहे है।
आतंकियों को भ्रष्ट नेताओं को मार डालने की नसीहत देने वाले राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान ने राज्य में बवाल मचा रखा है। जो सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है उसके विरोध में कई नेता राज्यपाल के विरोध में उठ खड़े हुए हैं।
यही नहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बयान के बाद जम्मू कश्मीर में अगर किसी भी राजनेता, सेवारत या सेवानिवृत्त नौकरशाह की हत्या होती है तो इसके जिम्मेदार सत्यपाल मलिक होंगे।
दरअसल, सत्यपाल मलिक ने रविवार को कहा था कि आतंकियों को पुलिसवालों की जगह भ्रष्ट राजनेताओं और नौकरशाहों की हत्या करनी चाहिए। सत्यपाल मलिक का तर्क था कि यही लोग राज्य को लूट रहे है।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि पुलिस अपना काम बहुत अच्छे से कर रही है लेकिन अगर एक भी जान जाती है, अगर वो आतंकी की भी क्यों न हो तो मुझे तकलीफ होती है। हम चाहते हैं कि हर कोई वापस आए।
करगिल में भाषण के दौरान सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा कि यहां के नेता ही राज्य को लूट रहे हैं, इसलिए आतंकी नेताओं को ही मारें, पुलिसवालों को नहीं। राज्यपाल के इस बयान पर उमर अब्दुल्ला भड़क गए और कह दिया कि अगर किसी भी नेता की हत्या होती है तो उसके राज्यपाल जिम्मेदार होंगे।
इस बयान पर नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर सत्यपाल मलिक को घेरने की कोशिश की, तो राज्यपाल उन्हें भी लपेटने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि उमर वास्तव में राजनीतिक तौर पर बच्चे ही हैं।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को कहा कि मैने आतंकियों को सुरक्षाबलों पर हमला करने के बजाय राज्य में लूट खसूट करने वालों को निशाना बनाने के लिए यहां भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा से हताश और निराश होकर ही कहा है। बेशक एक राज्यपाल होने के नाते मुझे इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। लेकिन मेरी निजी भावना वही है जो मैने कहा है। यहां बहुत से राजनीतिक नेता और वरिष्ठ नौकरशाह गले तक भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबे हुए हैं।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला द्वारा अपने ब्यान पर किए गए ट्वीट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अमर अब्दुल्ला तो अभी सियासी रुप से नासमझ और अपरिपक्व हैं। वह तो एक पॉलिटिकल ज्यूवेनाइल हैं जो हर बात पर ट्वीट करते रहते हैं। आप उनके ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रिया देखें, आप समझ जाएंगे।
जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भ्रष्ट नेताओं पर दिए अपने बयान को लेकर अब सफाई देते हुए कहा कि उन्हें एक संवैधानिक पद पर होते हुए ऐसा नहीं बोलना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि उनके वक्तव्य को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं मानता हूं कि मेरी जिम्मेदारी या जो पोजीशन है उस पर ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए थी। लेकिन मेरा फ्रस्टेशन भ्रष्टाचार के प्रति ऐसा था कि यह बात निकल गई। उन्होंने अपने बयान पर अफसोस जताते हुए कहा कि राज्यपाल होते हुए मुझे यह नहीं कहना चाहिए अन्यथा मैं यही कहूंगा।
हालांकि राज्यपाल ने अब अपनी गलती स्वीकार कर ली है लेकिन सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्यपाल के विरोध में अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी सामने आने लगे हैं और वे राज्यपाल के बयान की भर्त्सना कर रहे हैं।