जम्मू-कश्मीर: सरकार का दावा पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल, प्री-पेड और इंटरनेट के लिए करना होगा इंतजार

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 14, 2019 16:50 IST2019-10-14T16:50:25+5:302019-10-14T16:50:25+5:30

सरकार ने कहा था कि पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं शनिवार को शुरू की जानी थीं। केंद्र द्वारा कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद मोबाइल सेवा पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे। जिससे घाटी के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

Jammu and Kashmir: Government claims postpaid mobile service restored, pre-paid and internet will have to wait | जम्मू-कश्मीर: सरकार का दावा पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल, प्री-पेड और इंटरनेट के लिए करना होगा इंतजार

पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद ही राज्य में संचार सहित कई सेवाओं पर पाबंदियां लगाई गई थीं।

Highlightsकश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल हो गई है। 31 अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे।

राज्य सरकार के दावानुसार, कश्मीर में आज दोपहर 12 बजे से पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल हो गई है। हालांकि अधिकतर इलाकों से मिलने वाली खबरें कहती थीं कि लोग नेटवर्क नहीं होने की शिकायतें कर रहे थे। फिलहाल प्री-पेड और इंटरनेट के लिए पूरे जम्मू कश्मीर को इंतजार करना होगा। यह कितना लंबा होगा कोई नहीं जानता।

कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल हो गई है। इसको लेकर सरकार ने कहा था कि पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं शनिवार को शुरू की जानी थीं। केंद्र द्वारा कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद मोबाइल सेवा पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे। जिससे घाटी के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। घाटी का व्यापारी वर्ग इससे काफी प्रभावित हुआ है। घाटी के लोगों का कहना है सरकार के इस कदम से लोगों को काफी राहत मिलेगी, खासकर व्यापारी और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को राहत मिली है। बता दें कि केंद्र ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने की घोषणा के बाद 5 अगस्त से जम्मू-कश्मीर में मोबाइल सेवाओं पर रोक लगा दी थी।

सरकार ने दावा किया है कि आठ-दस थानों को छोड़कर घाटी के 99 फीसदी इलाके में लोगों की आवाजाही पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं है। राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने पत्रकारों को बताया कि जम्मू-कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। समीक्षा के बाद ही चरणवार पाबंदियां हटाई जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि अब बिना किसी रुकावट के पर्यटक कश्मीर आ सकते हैं। मोबाइल सेवा बहाल होने से पर्यटकों के साथ-साथ आम लोगों को भी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि कारोबारियों से लेकर उद्योगपतियों को आतंकियों और अलगाववादियों से डरने की जरूरत नहीं है। सभी अपने रूटीन कामकाज शुरू करें।

कंसल ने कहा कि दो माह से लगातार बॉर्डर पार से जम्मू कश्मीर में लोगों में डर पैदा करने और अशांति बनाए रखने की कोशिशें की जा रही हैं। आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के पास पुख्ता इनपुट हैं कि आतंकी राज्य में बड़े हमलों की साजिश रच रहे हैं।

पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद ही राज्य में संचार सहित कई सेवाओं पर पाबंदियां लगाई गई थीं। लेकिन धीरे-धीरे इन्हें हटाया जा रहा है। राज्य में स्कूल खोले जाने का ऐलान कर दिया गया है हालांकि अब तक कश्मीर घाटी के स्कूलों में उपस्थिति न के बराबर रही है। पर्यटकों के लिए जारी एडवाइजरी भी वापस ले ली गई है।

आने वाले 31 अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे। इससे पहले राज्य में 24 अक्तूबर को होने वाले खंड विकास परिषद (बीडीसी) चुनावों को देखते हुए कई नेताओं को शपथ पत्र लेकर हिरासत से भी रिहा कर दिया गया है। हालांकि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई नेता अब भी हिरासत में हैं क्योंकि वे बांड भर कर देने को तैयार नहीं हैं। अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी होने के बाद से राज्य में यह पहला चुनाव है। उधर, कांग्रेस व नेकां ने इन चुनावों का बहिष्कार किया है और रोचक तथ्य यह है कि मैदान में सिर्फ भाजपा ही एकमात्र राजनीतिक दल है।

Web Title: Jammu and Kashmir: Government claims postpaid mobile service restored, pre-paid and internet will have to wait

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